अशोकनगर। भारत सरकार के स्वामित्व वाले बैंक, यूनियन बैंक आॅफ इंडिया में एक खाताधारक के 33500 रुपए गायब हो गए। उसकी गलती केवल इतनी है कि उसने बैंक कर्मचारी पर भरोसा कर लिया था। दरअसल, करीब 1 साल पहले सेवानिवृत्त एफसीआई कर्मचारी ने बैंक में 33500 रुपए जमा कराए थे। कर्मचारी ने जमा पर्ची को हस्ताक्षर करके लौआ दिया। खाताधारक निश्चिंत हो गया कि उसके पैसे जमा हो गए हैं परंतु 1 साल बाद जब खाते का मिलान किया तो पता चला कि वो पैसा तो खाते में दर्ज ही नहीं किया गया है।
माता मंदिर रोड निवासी रमेशचंद्र शर्मा ने बताया कि उनका यूनियन बैंक की अशोकनगर ब्रांच में खाता है। श्री शर्मा ने बताया कि उनके खाता नंबर 450202010003662 में 13 अप्रैल 2017 को 33 हजार 500 रुपए जमा किए थे जिसकी कर्मचारी के हस्ताक्षर वाली रसीद उनके पास हैं। बैंक में लेटलतीफी के चक्कर में तत्काल उन्होंने लेनदेन की एंट्री पासबुक में नहीं कराई।
कुछ दिन पहले जब उन्होंने बैंक में एंट्री कराने के बाद रसीद से मिलान किया तो 13 अप्रैल को जो पैसा जमा किया था उसकी एंट्री नहीं है। बुजुर्ग ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है। इस मामले में बैंक प्रबंधक कल्याण सिंह जाट का कहना है कि जो रसीद इन्होंने दिखाई है उस पर कैश जमा करते समय जो मोहर लगती है वह नहीं हैं।
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