बेटी के लिए किसान ने घर छोड़ दिया था, बेटी ने भी टॉप कर दिखाया

भोपाल। मध्यप्रदेश के बेतूल में यदि पिता ने बेटी के लिए त्याग किया तो बेटी ने भी पिता का मान बढ़ाया। ऋषिका खोबरे विज्ञान संकाय में 5वें नंबर पर है। मध्यप्रदेश में दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम आते ही बैतूल में भी खुशी का माहौल है, क्योंकि बैतूल के उत्कृष्ट विद्यालय में पढ़ने वाली बारहवीं कक्षा की दो छात्राओं ने भी प्रदेश टॉप 10 में जगह बनाई है। इनमें से एक किसान की बेटी ऋषिका खोबरे है।

ऋषिका के किसान पिता ने जहां बेटी की पढ़ाई की खातिर अपना गांव छोड़ दिया तो वहीं भूमिका ने इससे पहले साल 2016 में 10वी बोर्ड की परीक्षा में भी प्रदेश में 9वां स्थान पाया था।बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट आते ही बैतूल के उत्कृष्ट विद्यालय में खुशी की लहर दौड़ गई है। यहां बारहवीं में पढ़ने वाली ऋषिका खोबरे और भूमिका पाटनकर ने प्रदेश टॉप 10 में स्थान बनाया है। ऋषिका बायोलॉजी संकाय की छात्रा है। ऋषिका ने निर्धारित 500 अंकों में 472 अंक हासिल कर बायलॉजी संकाय में पांचवां स्थान हासिल किया।

चिचोली ब्लॉक के गोधना गांव निवासी ऋषिका के पिता एक छोटे से किसान हैं जिन्होंने बेटी की पढ़ाई की खातिर गांव छोड़ दिया और पिछले दो साल से बैतूल में किराये के मकान में रहकर बेटी की पढ़ाई में मदद कर रहे हैं। ऋषिका भविष्य में डॉक्टर बनकर अपने गांव की सेवा करना चाहती है। बेटी का सपना पूरा करने के लिए उसका किसान पिता रिंदेव खोबरे अपना सब कुछ कुर्बान करने को तैयार है।

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