KHANDWA: CM HELPLINE से न्याय नहीं मिला तो आत्मदाह की कोशिश | MP NEWS

खंडवा। अपने बेटे की संदग्धि मौत की जांच की मांग कर रहे एक पिता ने आत्मदाह करने का प्रयास किया। उनका आरोप है कि उनकी बहू ने उनके बेटे की हत्या करवाई और डॉक्टर व पुलिस को रिश्वत देकर उसे एक्सीडेंट करार दे दिया। पिता के पास अपने तर्क हैं और चाहते थे कि मामले की निष्पक्ष जांच हो। इसके लिए उन्होंने पहले हरदा और खंडवा एसपी को आवेदन दिया। फिर आईजी पुलिस से न्याय की गुहार लगाई। जब जांच नहीं हुई तो उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की। उन्हे भरोसा था कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद जांच जरूर होगी परंतु 3 माह तक जब कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया। 

खंडवा ब्लाक रामगीर पिता गंगाराम गीर ने शनिवार तड़के 5 बजे खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह की कोशिश की। आत्मदाह से पहले उन्होंने पंचायत सरपंच, सचिव को एड्रेस करते हुए सुसाइड नोट भी लिखा। घटना के बाद परिजन एंबुलेंस की मदद से गंभीर हालत में रामगीर को जिला अस्पताल लाए। जिला अस्पताल में रामगीर के छोटे बेटे पूनम ने बताया उसके बड़े भाई संतोष (35) की मौत 13 जनवरी की रात हरदा जिले के ग्राम टिमरनी में पेट्रोल पंप के पास हुई थी। इसकी सूचना मामा के लड़के मनमोहन गोस्वामी ने हमें 14 जनवरी को दी। हमारा परिवार जब तक वहां पहुंचता भाभी संगीता व उसके परिजनों ने भाई का पोस्टमार्टम करा दिया। 

जब हमने टिमरनी पुलिस से मौत का कारण पूछा तो उन्होंने संतोष की मौत दुर्घटना में होना बताया। जबकि संतोष की बाइक में खरोंच तक नहीं थी। पिता रामगीर ने टिमरनी थाने में आवेदन देकर बेटे की हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस ने इस दिशा में जांच नहीं की तो हरदा एसपी के साथ खंडवा एसपी यहां तक कि डीआईजी व आईजी को भी आवेदन भेजे। कहीं से न्याय नहीं मिलने पर पिता ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की। उन्हे उम्मीद थी कि सीएम हेल्पलाइन से न्याय जरूर मिलेगा परंतु वहां से भी कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठा लिया। 90 फीसदी तक झुलस जाने पर राम गिर को शनिवार दोपहर इंदौर रैफर कर दिया गया। राम गिर को देखने विधायक देवेंद्र वर्मा भी जिला अस्पताल पहुंचे। इंदौर जाने के पहले तहसीलदार ने अस्पताल में रामगीर के बयान दर्ज किए।

भतीजी से कहा था थाने में आत्मदाह करूंगा
रामगीर की भतीजी कविता ने बताया बड़े पापा ने शुक्रवार शाम को मुझसे कहा था कि मैं शनिवार को टिमरनी थाने जाकर आत्मदाह करूंगा। यह बात उसने पिता को भी बताई थी, लेकिन बड़े पापा ने सुबह 5 बजे यह कदम उठा लिया।

क्या लिखा था पत्र में 
सरपंच-सचिव के नाम लिखे खत में रामगीर ने कहा मेरे बेटे हत्या हुई है। टिमरनी पुलिस और डॉक्टर ने बहू संगीता से रुपए लेकर दुर्घटना का केस बना दिया। बहू के पास पैसे हैं तो उसने खर्च कर मनमानी रिपोर्ट बनवा ली। रिश्वत देकर न्याय मिलता है और मेरे पास देने को रुपए नहीं हैं। इसलिए मौत को गले लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

मेरे बेटे की हत्या उसकी पत्नी ने करवाई है। रुपयों के लिए उसने पवित्र रिश्ते का भी खून कर दिया। शादी के बाद से ही उसने बेटे को हमसे अलग कर दिया और ससुराल ले गई। टिमरनी (हरदा) के पास गला दबाकर उसकी हत्या करवा दी। जिसे बहू व उसके परिजनों ने दुर्घटना का नाम दे दिया। हम पहुंचते उसके पहले ही पोस्टमार्टम भी करा दिया। दुर्घटना होती तो बेटे की बाइक में टूट-फूट दिखाई देती जो नहीं थी। बहू ने पुलिस और डॉक्टरों को रुपए देकर पीएम रिपोर्ट तक बदलवा दी और हत्या को दुर्घटना बता दिया। मैंने टिमरनी, हरदा थाने सहित खंडवा एसपी, यहां तक कि आईजी व सीएम हेल्पलाइन में भी आवेदन कर हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की। तीन माह बीत गए पर मुझे न्याय नहीं मिला। अब मैं बहुत निराश हो गया हूं इसलिए आत्मदाह कर रहा हूं। मेरा यह दु:ख भरा पत्र ग्रामसभा में ग्रामीणों को भी पढ़कर सुनाना। मेरे परिवार का ख्याल रखना। मैं भाइयों और परिवार से भी इस कदम के लिए माफी मांगता हूं। मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ करना।

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