नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में सक्रिय हो चुके आदिवासी संगठन JAYS ने आज दिल्ली में प्रदर्शन किया। संविधान में दर्ज अधिकारों को हासिल करने के लिए हज़ारों की तादाद में आदिवासी दिल्ली पहुंचे। 'संसद घेराव' के बाद आदिवासी संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर तीन महीनों के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो आने वाले दिनों में वो बड़ा आंदोलन करेंगे।
बताया गया है कि जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरा अलावा के नेतृत्व में आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा और 5वीं तथा 6वीं अनुसूची को पूर्ण रूप से अमल में लाने के लिए मिशन 2018 संसद का घेराव किया गया।
आदिवासी समाज की आवाज को राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ उठाने के लिए 1 से 4 अप्रैल तक मिशन 2018 सड़क से लेकर संसद तक दिल्ली चलो संसद का घेराव का कार्यक्रम रखा गया है। दावा किया जा रहा है कि 1 करोड़ आदिवासी एकत्रित होकर संसद का घेराव करेंगे।
जय आदिवासी युवा शक्ति यानी जयस के नेता आदिवासियों का पारंपरिक नेतृत्व करने वाले नेताओं पर परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि अब समाज के सक्रिय युवा जयस के जरिए नीतियां बनाने वाले संस्थानों जैसे विधानसभा और लोकसभा में पंहुचकर आदिवासियों के अधिकारों की बात उठाएंगे। बताया जा रहा है कि यह संगठन आने वाले चुनावों में अपने प्रत्याशी भी उतारेगा।