इस देश ने फिक्स किया हर उम्र की महिलाओं के लिए अलग अलग ड्रेसकोर्ड | WORLD NEWS

लंदन। ताजिकिस्तान सरकार ने 7 साल की बच्चियों से लेकर 70 साल तक की महिलाओं के लिए ड्रेस कोड तय कर दिया है। इसके लिए संस्कृति मंत्रालय ने बाकायदा एक किताब भी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि महिलाओं को किस मौके पर किस तरह के कपड़े पहनने हैं। इसमें मॉडल्स के जरिए कपड़ों को दिखाया गया है। इसके अलावा किताब में यह भी बताया गया है कि किस तरह के कपड़े नहीं पहनने हैं। 'बुक ऑफ रिकमेंडेशन्स' नाम की इस किताब में मंत्रालय ने महिलाओं के लिए पारंपरिक तौर पर ताजिक वेशभूषा पहनने की सिफारिश की है। इसके अलावा महिलाओं को खुले-खुले पश्चिमी परिधान और इस्लामिक कपड़े- जैसे बुर्का और हिजाब पहनने पर भी रोक लगाई गई है। 

यहां तक कि सार्वजनिक जगहों पर फ्लिप-फ्लॉप चप्पल या स्लीपर पहनने पर भी रोक है। किताब में बताया गया है कि काले कपड़े बिल्कुल नहीं पहनने हैं। इस्लामिक कपड़ों के खिलाफ अभियान के तहत सिर ढंकने के लिए कपड़े के इस्तेमाल पर भी रोक है। पश्चिमी कपड़े, स्कर्ट पर भी रोक है। पूर्व सोवियत रूस का हिस्सा रहे इस देश में 90% से ज्यादा आबादी मुस्लिम है। ऐसे में सरकार सेक्यूलर लेकिन पारंपरिक संस्कृति को बढ़ावा देना चाहती है। 

लोगों ने कहा- फालतू तरीकों की बजाय जरूरी मुद्दों पर ध्यान दीजिए 
सरकार के इस फैसले का लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर विरोध किया है। एक यूजर ने लिखा है- 'बेहद सुंदर। नेशनल ड्रेस की ऊंची कीमतें भी तो देखिए।' एक महिला ने कमेंट किया है- 'बहुत बढ़िया, अब संस्कृति मंत्रालय हमें कपड़े खरीदकर भी दे दें।' एक यूजर ने तंग या शरीर दिखाने वाले कपड़ों पर सवाल किया है कि 'शरीर का कौनसा अंग? क्या इसमें मंत्रालय के लोगों के दिमाग में पड़ी गांठ भी शामिल है?' एक यूजर ने तो इसकी तुलना उत्तर कोरिया से करते हुए कहा है कि सरकार को फालतू तरीके खोजने की बजाय दूसरे जरूरी मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।

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