किताबें और यूनिफार्म हर साल बदल क्यों जातीं हैं: एडीएम | MP NEWS

भोपाल। स्कूलों की मनमानी हजारों अभिभावकों की स्थाई समस्या है। शुक्रवार को जिला पंचायत के दफ्तर में हुई बैठक में अभिभावकों की व्यथा सुनकर लगा कि शहर में चल क्या रहा है? मनमानी फीस बढ़ोतरी, यूनिफॉर्म बदलना, किताबों को खास दुकानों से खरीदने का मिलाजुला काराेबार वैसा ही है। बैठकों में हैं चर्चाएं, हिदायतें। बस, स्कूलों पर कोई अंकुश नहीं है। इस बैठक में भी एडीएम ने चेतावनी दी कि दो साल से मौका दे रहे हैं। अब नहीं देंगे। 7 दिन में सिलेबस, यूनीफॉर्म, फीस की जानकारी देना होगी। स्कूल संचालकों को यह भी बताना होगा कि कितनी बसों में जीपीएस और सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। वरना स्कूल संचालकों के खिलाफ धारा-144 का पालन न करने पर धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। 

उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन न तो कलेक्टर का आदेश मान रहे हैं और न ही सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। संचालक जरूरी जानकारी भी जिला प्रशासन को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। इस पर स्कूल प्रबंधन ने भरोसा दिलाया है कि आगामी सात दिन के भीतर सारी जरूरी जानकारी भोपाल जागरूक विद्यार्थी पोर्टल पर अपलोड कर दी जाएगी। 

तीन गुना फीस बढ़ा दी, हम बच्चों को कहां ले जाएं?
श्यामला हिल्स निवासी सलमा खान ने एडीएम को बताया कि दो साल पहले एक हजार रुपए फीस पर बच्चों को कक्षा एक से 12वीं तक पढ़ाने का आॅल सेंट स्कूल प्रबंधन ने वादा किया था लेकिन, अभी हाल ही में अचानक तीन गुना फीस बढ़ा दी है। इसके चलते यहां पर पढ़ने वाले मेरे बच्चों की हर महीने की फीस तीन गुना चुकाना पड़ रही है। इसके बारे में जब स्कूल प्रबंधन से बात की गई तो टीसी देने की धमकी दी जा रही है। एडीएम मैडम! बच्चों का भविष्य संकट में है। यह मेरे अकेले बच्चें की परेशानी नहीं है, बल्कि वहां पर पढ़ने वाले 48 बच्चों की पढ़ाई पर संकट आ खड़ा हुआ है। 

प्रबंधन अब इन बच्चों की तीन हजार रुपए महीना फीस मांग रहा है। आॅल सेंट हायर सेकंडरी स्कूल अब्बास नगर में प्रबंधन ने अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों के लिए कक्षा 1 से कक्षा 12वीं तक एक हजार रुपए महीना देकर पढ़ाई करने की स्कीम शुरु की थी। जिसमें बच्चों को लाना ले जाना शामिल था। दो साल गुजर जाने के बाद स्कूल प्रबंधक फौजिया खान ने स्कूल में पढ़ने वाले 48 बच्चों के पालकों को तीन हजार रुपए महीना फीस देने का अल्टीमेटम दिया है। 

सवाल यह भी: 
बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष बृजेश चौहान ने पूछा कि हर साल एडमिशन फीस लेने का क्या आधार है इस बारे में स्कूल के प्रबंधन जवाब दें? ऐसा क्यों किया जाता है? हर साल इतनी महंगाई तो नहीं बढ़ रही है कि बार-बार एडमिशन फीस ली जा रही है। 

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