
होसबोले शुक्रवार को समन्वय भवन में ग्राहक पंचायत के चौथे प्रादेशिक अधिवेशन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। होसबोले ने चाणक्य का उदाहरण देते हुए कहा कि चाणक्य भी कहते थे कि जैसे मधुमक्खी फूल से मधु लेती है और फूल को पता नहीं चलता, वैसे ही ग्राहकों से टैक्स लिया जाना चाहिए। जिससे उसे पीड़ा न हो।
व्यापार भी धर्म मार्ग पर होना चाहिए
होसबोले ने कहा कि व्यापार भी धर्म मार्ग पर होना चाहिए। व्यापारी जब माल बेचता है तो मुनाफा कमाना चाहता है, लेकिन वही व्यापारी जब ग्राहक बनकर सामान खरीदने जाता है तो वह कम दामों में गुणवत्ता पूर्ण माल चाहता है।