दिग्विजय सिंह ने किया था विरोध, बावरिया ने उन्हीं पर जिम्मेदारी थोप दी | MP NEWS

भोपाल। किसी भी पार्टी में संचालन के फंड जुटाने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष की होती है लेकिन मप्र कांग्रेस कमेटी में ऐसा नहीं हो रहा है। अरुण यादव बड़ी ही चतुराई के साथ इस जिम्मेदारी से सरक लिए हैं। उन्होंने फंड की टोपी प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया को पहना दी थी। गुजरात मूल के बावरिया ने टिकट दावेदारों ने 50-50 हजार रुपए की डिमांड कर डाली। दिग्विजय सिंह ने इसे अनीतिगत बताया तो बावरिया ने अपनी टोपी उन्हे ही पहना दी। बावरिया ने कहा है कि नर्मदा परिक्रमा समाप्त होते ही दिग्विजय सिंह पार्टी के लिए फंड जुटाने का काम करेंगे। 

कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने सोमवार शाम को कहा है कि चुनाव से पहले पार्टी को फंड की जरुरत है और इसे जुटाने के लिए टिकट की दावेदारी के लिए पचास हजार रुपए लेने का फैसला हुआ था लेकिन इस मामले में उठे विरोध के सुर के बाद जमा राशि लौटाने के फैसले पर बाबरिया ने सफाई देते हुए कहा है कि अजय सिंह और दिग्विजय सिंह समेत तीन सीनियर लीडर की आपत्ति के बाद जमा राशि वापिस लौटाने का फैसला हुआ है।

दीपक बाबरिया ने कहा है कि सीनियर लीडर ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि चुनाव के पहले वो पार्टी फंड जुटाने का काम कर लेंगे। इसी के मद्देनजर जमा राशि लौटाई जाएगी। दीपक बाबरिया ने साफ कहा है कि दिग्विजय सिंह ने नर्मदा यात्रा खत्म होने के बाद चुनाव के लिए फंड जुटाने की जिम्मेंदारी ली है। अपनेराम का तो बस यही कहना है कि बावरियाजी, जिम्मेदारियों से भागने का प्लान अच्छा है लेकिन सवाल यह है कि जब पार्टी के लिए फंड दिग्विजय सिंह जुटाएंगे तो टिकट वितरण के अधिकार बावरिया के पास क्यों दिए जाएंगे। 

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