अंबाह/मुरैना। बरवाई गांव में 7वीं की छात्रा के अपहरण की कोशिश के बाद जमकर हंगामा हुआ। ग्रामीणों ने अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया और पेड़ से बांधकर पीटने लगे। आरोपियों का कहना था कि वो विधायक सत्यप्रकाश के रिश्तेदार हैं, पुलिस उनका कुछ नहीं करेगी। जब पुलिस आरोपियों को मुक्त कराने आई तो ग्रामीणों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया। सीएसपी विजय सिंह को बंधक बना लिया। वहीं पथराव में पोरसा टीआई अतुल सिंह व एसआई विजय सिंह घायल हो गए। तीन पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। जवाबी कार्रवाई में कई ग्रामीण भी घायल हुए हैं।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, 13 साल की वंदना तोमर (13) शनिवार सुबह 7.30 बजे अपने छोटे भाई आकाश और एक अन्य लड़के के साथ सातवीं क्लास का पेपर देने जा रही थी। नहर की पुलिया पर बबलू सखवार और सुग्रीव सखवार बाइक से आए और वंदना का हाथ पकड़कर बाइक पर खींचने की कोशिश की, लेकिन वंदना का भाई आकाश और उसका दोस्त दोनों बाइक सवार से भिड़ गए तो वे भागने लगे, इतने में बरवाई के ही आकाश, परिहार और छोटू नाम के युवकों ने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। इस दौरान ग्रामीण भी इकट्ठे हो गए। उन्होंने दोनों युवकों को पहले तो पीटा फिर हनुमान मंदिर के पास पेड़ से बांध दिया। गांव में किडनैपिंग की कोशिश की खबर मिलने पर पहुंचे अंबाह टीआई जितेंद्र नगाइच को ग्रामीणों ने यह कहते हुए लौटा दिया कि जब तक एसपी और विधायक नहीं आएंगे, हम आरोपी लड़कों को पुलिस के हवाले नहीं करेंगे।
बचाने आई पुलिस पर पथराव, सीएसपी को बनाया बंधक
सुबह 10 बजे एएसपी अनुराग सुजानियां, सीएसपी विजय सिंह तोमर पुलिस फोर्स लेकर गांव में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के कब्जे से आरोपी युवकों को छुड़ाने की कोशिश की तो भीड़ भड़क गई और पुलिस फोर्स पर पथराव कर दिया। भीड़ ने सीएसपी सुरेन्द्र सिंह तोमर को बंधक बना लिया। एक घंटे तक हुए पथराव में सीएसपी समेत टीआई पोरसा अतुल सिंह और एसआई विजय सिंह को चोटें आई हैं। पुलिस की कार्रवाई से ग्रामीण भी घायल हुए हैं। पथराव के कारण पुलिस ने तीन वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। एक घंटे तक हुए हंगामे के बाद बमुश्किल सीएसपी को मुक्त कराया जा सका। वहीं दोनों संदेही युवकों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
पुलिस कार्रवाई को देख गांव के लोग घरों से भागकर बीहड़ में कूद गए
संघर्ष के दौरान पुलिस, किडनैपिंग के प्रयास के दोनों आरोपियों बबलू और सुग्रीव सखवार को हनुमान मंदिर से निकालकर मुरैना ले आई। इधर किडनैपर्स को दबोचने में नाकाम रही पुलिस ने शनिवार की दोपहर 2.30 बजे बरवाई पहुंचकर ग्रामीणों को उनके घरों से पकड़ने का अभियान चलाया। पुलिस कार्रवाई को देख गांव के लोग घरों से भागकर बीहड़ में कूद गए। पुलिस 20 से ज्यादा लोगों को पकड़कर अंबाह थाने लाई है।
30 नामजद व 200 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज
एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि जिलेभर का पुलिस फोर्स बरवाई गांव में भेजकर हमने 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अंबाह थाने में 100 लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश समेत सरकारी काम में बाधा, तोड़फोड़ करने का मामला दर्ज किया गया है। हमले को लेकर बोखलाई पुलिस ने दिमनी टीआई विजय लोधी की रिपोर्ट पर से बरवाई, रूअर, बालू का पुरा के 20 ज्ञात व 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ दफा 307, 353, 427, 332, 336 व बलवा की धाराओं के तहत गैर जमानती मुकदमा दर्ज किया है।
मुकदमे में पुलिस ने रविन्द्र सिंह तोमर, अरूण सिंह तोमर, बबलू गुधेनिया, गेंदा तोमर, प्रसून मरैया, देवीराम बालू का पुरा, जीतू बरवाई, पप्पू भदौरिया मिढैला, अमर सिहं नेहरू, रघुवीर भूरा रूअर, सत्यराम बालू का पुरा, राहुल बालू का पुरा, लालू बसई, पुरुषोत्तम मरैया, विनोद राठौर, सचिन शर्मा, जीतू धोबी आदि को मुल्जिम बनाया है।
ग्रामीण बोले-आरोपी के बेटे ने कहा कि-विधायक हमारे फूफा हैं
बरवाई के लोगों का कहना था कि पकड़े गए आरोपियों को विधायक सत्यप्रकाश संरक्षण दे रहे हैं। क्योंकि बबलू के बेटे अजय ने मौके पर आकर कहा कि बबलू को हम फूफा विधायक से कहकर अभी छुड़वाते हैं। इस बारे में जब विधायक सत्यप्रकाश से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि वह मानवीय विचारधारा के व्यक्ति हैं। राजनीतिक विद्वेष से लोग कुछ भी कह सकते हैं लेकिन 4 साल के कार्यकाल में इलाके के किसी शख्स ने उन पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया है।
आरोपियों के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात
किडनैपिंग की कोशिश के अारापे में पकड़े गए बबलू सखवार और सुग्रीव सखवार, बागपुरा के रहने वाले हैं। यह गांव बरवाई से पांच किमी दूर है। पुलिस को आशंका है कि बरवाई के गुस्साए लोग बागपुरा पहुंचकर आरोपियों के घरों में आगजनी नहीं कर दें, इसलिए गांव में आर्म्ड फोर्स तैनात किया गया है।
पुलिस का मानना- घटना का किडनैपिंग से संबंध नहीं
मुरैना एसपी आदित्य प्रताप सिंह के मुताबिक, बरवाई की घटना का किडनैपिंग से कोई संबंध नहीं है। दोनों संदिग्ध युवकों को गांव के आधे से अधिक लोग पहचानते हैं। शनिवार को भी वह गांव में तूरी खरीदने आए थे। लेकिन लड़की व उसके भाई ने उन्हें किडनैपर समझ लिया। हमने आरोपी लड़कों के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है।
बाइक सवार लड़कों ने मुझे पकड़ लिया
वंदना तोमर ने बताया कि मैं शनिवार की सुबह 7 बजे अपने घर से एग्जाम देने स्कूल जा रही थी। मेरा भाई आकाश मेरे साथ में था। हम लोग नहर की पुलिया पर पहुंचे तभी बाइक पर आए दो लड़कों में से एक ने मुझे पकड़कर खींचने की कोशिश की। मैं चिल्लाई तो मेरा भाई दौड़कर आगे आया। भाई ने विरोध किया तो उन लड़कों ने उसका हाथ पकड़कर मरोड़ दिया और धक्का दे दिया। जिससे भाई सड़क पर गिर गया। भाई के चिल्लाने पर हमारे पीछे आ रहे कुछ लोग दौड़े और उन्होंने उन लड़कों को ललकारा। तब बाइक वाले दोनों लड़के गांव की तरफ भाग गए। गांव के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। हमने भी डायल-100 को फोन कर दिया था।