मप्र के कुपोषण मुक्ति अभियान पर राज्यपाल ने उठाए सवाल | MP NEWS

भोपाल। केंद्र से हर साल राज्य को कुपोषण खत्म करने के लिए पर्याप्त राशि मिलती है। इसके बाद भी प्रदेश में कुपोषण खत्म क्यों नहीं हो रहा है। अक्सर बच्चों पर कुपोषण के दुष्प्रभावों की खबरें आ ही जाती हैं। इससे साफ है कि हमारे जो प्रयास हैं उनमें कहीं न कहीं कमी है। मैं जो निर्देश दे रही हूं, उनका पालन सुनिश्चित करें। ये न सोचें कि बात यहीं खत्म हो जाएगी। 6 महीने बाद दोबारा राजभवन में बुलाकर जमीनी हकीकत पूछूंगी। यह सख्त चेतावनी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को जनजातीय कार्य विभाग की समीक्षा के दौरान दी।

जनजातीय विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा और आयुक्त दीपाली रस्तोगी ने विभाग द्वारा किए जा रहे कामों का लगभग एक घंटे का प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान राज्यपाल ने कई सवाल भी किए, जिनका अफसर जवाब नहीं दे पाए।

राज्यपाल ने कहा
कुपोषण खत्म करने की जिम्मेदारी अकेले जनजातीय विभाग की नहीं है। इसमें महिला बाल विकास और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की भी जिम्मेदारी है। सभी विभाग मिलकर कुपोषण प्रभावित जिलों का दौरा करे। स्थानीय लोगों से बातचीत कर कार्रवाई करे। जो बच्चे कुपोषित हैं, उनके माता पिता को बताया जाए कि कौन सी दवाई कब दी जाए, पोषण आहार की उचित मात्रा कितनी है। विशेष शिविर लगाएंं, इनमें बच्चे-बच्चियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !