INDORE की रश्मि को मराठी नहीं आती थी इसलिए नौकरी से निकाल दिया | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर की हौनहान बिटिया रिश्म पांडेय को इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि उसे मराठी नहीं आती थी और वो महाराष्ट्र के पुणे शहर में स्थित एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने चली गई थी। फरवरी में रश्मी पांडेय (24) औंध की स्मार्ट नैनोज प्राइवेट लिमिटेड में एक रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट कंपनी में नौकरी लगी, लेकिन मुश्किल से आठ दिनों के बाद ही उसे छुट्टी पर भेज दिया गया। 

इंटरव्यू में मराठी की शर्त नहीं थी
रश्मि के पति बीमा कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी की इसलिए छुट्टी कर दी गई, क्योंकि वह मराठी भाषा में बात नहीं कर सकती थीं। रश्मि ने इंदौर से अप्लाइड रसायन विज्ञान से स्नातक किया है। उन्हें रिसर्च की फील्ड में एक साल का अनुभव भी है। रश्मि ने बताया कि जब वह नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गईं तब उसने साफ-साफ बता दिया था कि वह मराठी नहीं जानती हैं। उन्हें कहा गया कि संस्थान में उनके सहकर्मियों को हिंदी नहीं आती, इसलिए वह उनसे अंग्रेजी में बात करें। 

काम से कोई शिकायत नहीं थी 
रश्मि को नौकरी के लिए चुन लिया गया और नैनौ पार्टिकल्स प्रॉजेक्ट को असिस्ट करने को कहा गया। उन्होंने 19 फरवरी को नौकरी जॉइन कर ली। जब वह ऑफिस आईं तो उन्हें ट्रेनिंग देने वाले लोगों के व्यवहार में अंतर दिखा। 27 फरवरी को कंपनी के मालिक अविनाश मोघे ने उन्हें बुलाया और उनसे दो भाषाओं में बात करने लगे। उन्होंने उनसे कहा कि जो महिला उन्हें ट्रेनिंग दे रही है उसे हिंदी में बात करने में मुश्किल होती है। रश्मि का आरोप है कि जब उन्होंने उनसे पूछा कि क्या उनके काम को लेकर कोई समस्या आ रही है तो उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा कि उनके काम से कोई समस्या नहीं है सिर्फ उनकी भाषा से समस्या है। 

उन्होंने रश्मि को वहां से जाने को कहा। रश्मि ने उनसे कहा कि अगर उनका काम अच्छा है और सिर्फ उनकी भाषा से समस्या आ रही है तो वह यह विश्वास दिलाती हैं कि जल्द ही सामान्य माराठी भाषा सीख लेंगी। कंपनी के मालिक अविनाश मोघे ने रश्मि की भाषाई समस्या होना स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि रश्मि के साथ काम कर रहे लोगों को हिंदी और अंग्रेजी ठीक से नहीं आती थी, इसलिए उन लोगों को उनके साथ काम करने में परेशानी आ रही थी। जब वह कंपनी में होते थे तो रश्मि की बात सहकर्मियों को समझाने में मदद करते, लेकिन उनके न रहने पर समस्या हो जाती थी। उन्होंने कहा कि रश्मि को मराठी नहीं आती थी इसलिए उसने कंपनी छोड़ दी। रश्मि का काम अच्छा है इसलिए वह उसे कुछ परिस्थितियों में बदलाव के बाद वापस कंपनी में लाएंगे 

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