
स्वास्थ्य विभाग की अप्रैजल की प्रथा को समाप्त किया जाए। जो संविदा कर्मचारी अधिकारी पद विरूद्व कार्यरत हैं उनको उसी पद पर संविलयन कर दिया जाए। जिससे सरकार पर कोई वित्तीय भार भी नहीं आयेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने संविदा महासंघ के प्रतिनिधि मंडल को दस मिनट का समय दिया पूरी बाते गम्भीरता से सुनी और उसी समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के. मिश्रा तथा कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त रमेश चंद्र शर्मा जी को बुलाया तथा संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने, नियमित वेतनमान तथा सुविधाएं दिये जाने, स्थाई किए जाने, जिन संविदा कर्मचारियों को परियोजनाओं को समाप्त कर दिया गया है उनके कर्मचारियों को अन्य परियोजनाओं में संविलयन किए जाने के लिए जल्दी प्रस्ताव बनाने के समक्ष में निर्देश एस.के. मिश्रा जी तथा रमेश चंद्र शर्मा जी को दिये और सविदा कर्मचारियों से कहा कि मैं जल्दी संविदा कर्मचारियों के लिए घोषणा करूंगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि स्वास्थ्य विभाग में होने वाली अप्रैजल व्यवस्था भी खत्म की जाए।
प्रतिनिधि मंडल में म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर , केन्द्रीय बैंक डाटा एन्ट्र, लिपिक संघ के उपाध्यक्ष मनराज पवार, कौशल विकास केन्द्र कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विवेक गुप्ता , संयोजक अबरार कुरैशी, मनरेगा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र उपाध्याय, खेल एवं युवक कल्याण कर्मचारी संघ के अध्यक्ष योगेश ढोके, पैरामेडिकल संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अर्जुन तिवारी,, महिला बाल विकास संविदा पर्यवेक्षक संघ की अध्यक्ष नाहिद जहां सहित अवध कुमार गर्ग, अमित कुल्हार, अर्चना सिंह, महेश शेंडे, अवधेश दीक्षित, संकल्प भटनागर, सुरेश त्रिपाठी, मंगलेश दुबे, प्रमोद खरे, रिषी नामदेव, राजेश अग्रवाल, संजीव उमेश शर्मा, आदि उपस्थित थे।