
सूत्रों की जानकारी अनुसार किसान ने 1 मार्च को इस कर्ज से तंग आकर कीटनाशक का सेवन कर लिया। हालत बिगड़ने पर पीड़ित कृषक को लालबर्रा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया गया जहां उसे प्राथमिक उपचार कर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। यहां नेताओं ने उसे घेर लिया और वादा किया कि उसका इलाज कराया जाएगा। उसकी जान बचा ली जाएगी और उसका कर्ज भी माफ हो जाएगा। बस वह यह बयान दे दे कि वो खेत में कीटनाशक दवा का छिड़काव कर रहा था। तभी अचानक दवा उसके मुंह में चली गई। किसान ने बातों में आकर किसान बयान दे दिया। इसके बाद सभी नेता उसे लावारिस छोड़कर चले गए।
1 व 2 मार्च की दरमियानी रात कृषक ने दम तोड़ दिया। इस तरह एक और कृषक ने कृषि मंत्री के क्षेत्र में आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली विदित हो कि यदि धारावासी पंचायत के अलावा मृतक अन्य ग्राम का होता तो चकाजाम धरना प्रदर्शन जैसी स्थिति निर्मित हो सकती थी।