विंध्य की 29 सीटों में से 25 सीटों पर हारेगी भाजपा: अभय मिश्रा | MP NEWS

भोपाल। पूर्व विधायक एवं रीवा जिला पंचायत के अध्यक्ष अभय मिश्रा ने पिछले दिनों अचानक कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। अब वो सीएम शिवराज सिंह सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत का दर्द अब देखा नहीं जा रहा है। सत्ता परिवर्तन के लिए कांग्रेस में आया हूूं। किसी पद या टिकट की लालसा से नहीं आया हूूं। पार्टी जिसे टिकट देगी उसके साथ पूरे विश्वास के साथ खड़ा रहूंगा। आज देखा जा रहा है कि चिल्लर फेंक कर कुछ लोग गठरी की चोरी करने में लगे हैं। अब ऐसा नहीं चलेगा। मकसद सिर्फ कांग्रेस की सरकार बनाना है। आपातकाल जैसे हालात हैं, उससे मुक्ति पाना है। मुझे छह माह बाद की तस्वीर अभी से दिख रही है। इस बार विंध्य की 29 सीटों में कांग्रेस को 25 सीटें मिलेंगी। बता दें कि अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा वर्तमान में सेमरिया से भाजपा विधायक हैं। उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है। 

पंच परमेश्वर का महापंचायत का ऐलान
जारी बयान में मिश्रा ने कहा कि भाजपा के शासन में पंचायती राज की सांसे उखड़ गई है। भाजपा में मेरे हाथ बंधे हुए थे। चाह कर भी पंच परमेश्वर के लिए कुछ नहीं कर पा रहा था। इसलिए कांग्रेस में शामिल में हुआ। राजीव गांधी का सपना था पंचायती राज को सशक्त बनाना। मै उनके सपनें को मुकम्मल करने की दिशा में काम करूंगा। राजधानी भोपाल में पंच परमेश्वर का महापंचायत सम्मेलन जल्द किया जाएगा। यह सम्मेलन हर जिले में होगा। 

एक-एक पंच को 30 हजार रूपए मिलेगा
जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद एक बयान में कहा कि आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि सत्ता के केन्द्रीयकरण से पंच, सरपंच, जिला पंचायत सदस्य को मिला क्या? पंचों को पिछले चार सालों से मानदेय नहीं मिला। उसे प्रति बैठक दो सौ रूपए देने के नियम हैं। आज तक का कुल मानदेय उनका 600 करोड़ रूपए होता है, जिसे मुख्यमंत्री की घोषणा में ही खर्च कर दिया गया। यह कहा गया कि बाद में एडजस्ट कर दिया जाएगा। पंचों के साथ न्याय तब होगा जब उन्हें एक दिन की मजदूरी से अधिक मानदेय दिया जाए। यदि उन्हें उनका मानदेय दिया जाए तो एक-एक पंच को 30 हजार रूपए मिलेगा।

भाजपा जीती तो पंचायती राज खत्म हो जाएगा
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा आज स्थिति यह हो गई कि विधायक, जिला पंचायत सदस्य, पंच का चुनाव तक नहीं जीत सकता। भाजपा सरकार दोबारा लाने का मतलब है कि पंयायती राज भूल जाओ। प्रदेश की सरकार ने विकास के नाम पर 14 साल में कर्ज लेकर प्रदेश को कर्जदार और बीमारू बना दिया। इवेंट के नाम पर प्रदेश सरकार ने केवल अपनी ब्रांडिग की। सियासी मामा के राज में कुपोषण चरम पर है। जुल्म ठांठे मार रहा है। शिक्षा का स्तर 80 फीसदी गिर गया है। आखिर बच्चों के मामा ने किया क्या? दस हजार स्कूलों में नहीं हैं एक भी शिक्षक,18 हजार स्कूल एक शिक्षक के भरोसे हैं। 

सरकार ने हर जिले में समदडि़या बैठा रखे हैं
उन्होंने कह प्रदेश सरकार ने हर जिले में समदडि़या बैठा रखे हैं। इसलिए सरकारी जमीनों की लूट मची हुई है। सिर्फ रीवा ही नहीं लुट गया। सवाल यह है कि समदडि़या नाम का मसाला कब तक रीवा के गालों में लगता रहेगा। आज प्रदेश सरकार ने सत्ता के केन्द्रीयकरण की आड़ में पंचायती राज को बेदम कर दिया है। यही वजह है कि उसकी सांसे पूरी तरह उखड़ गई है। पंचायती राज को सशक्त करना है। राजीव गांधी ने कभी पंचायती राज का सपना देखा था। बगैर पंचायती राज के विकसित  गांव की कल्पना बेमानी है। 

पूरा रीवा एक व्यक्ति के हाथों गिरवीं रखा है
जिला पंचायत अध्यक्ष अभय मिश्रा इससे पहले सिरमौर चौराहे पर स्थित राजीव गांधी की प्रतिमा का माल्यापर्ण किया। यहां उन्होंने मीडिया से पूछे गये सवाल पर कहा कि आज रीवा जिला एक व्यक्ति के हाथों में गिरवी हो गया है। ऐसा लगता है कि सरकार ने एक व्यक्ति को टेंडर दे रखा है। आतंक और दमनकारी सरकार की वजह से भरोसा नहीं कब किसका घर गिरा दिया जाएगा। 

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