
बता दें कि पिछले 14 साल में कांग्रेस मप्र में एक भी विशाल और प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाई है। ज्यादातर समय कांग्रेस, मीडिया के पीछे कवरफायर करती रही। मीडिया ने जो मुद्दे उठाए, कांग्रेस ने उन्ही पर बयान जारी किए। कभी कभी कुछ नया करने की कोशिश भी की गई परंतु अब तक कुछ भी प्रभावी नहीं था। इस बीच भाजपा ने 5 लाख की संख्या तक के कार्यक्रम कर दिए।
भोपाल समाचार ने 15 मार्च को प्रकाशित किया था कि कांग्रेस के लिए 22 मार्च कांग्रेस की परीक्षा की घड़ी है। यदि इस दिन भी पूरी कांग्रेस एक साथ नजर नहीं आई तो 2018 का सपना चूर चूर हो सकता है। यहां सवाल दिग्गजों के एक मंच पर आने का नहीं है। सवाल पूरी कांग्रेस का एक मैदान में आ जाने का है। बस इसी के बाद कांग्रेस ने अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया। यहां पढ़िए भोपाल समाचार की समीक्षा: 22 मार्च को पता चलेगा मप्र कांग्रेस में कितना दम है