ग्वालियर। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को आरक्षण ना देने पर हाई कोर्ट ने लोकसेवा आयोग के साथ-साथ उच्चशिक्षा विभाग को नोटिस जारी करके तीन सप्ताह के अंदर जवाब-तलब किया है। कोर्ट ने एक अभ्यर्थी की याचिका पर सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने लोकसेवा आयोग और उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी किये हैं। दरअसल पीएससी ने सहायक प्राध्यापकों के लिये भर्ती निकाली है। लेकिन इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिये कोई प्रावधान नही रखा गया है। जबकि 2016 में निकाली गई विज्ञप्ति में ये प्रावधान था। हाल ही में दिसम्बर 2017 में जो सहायक प्राध्यापको की भर्ती निकली हैं। उसमें आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया है।
इसी को लेकर एक अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई हैं। हाईकोर्ट ने पीएससी और उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर उनसे तीन सप्ताह में जबाब तलब किया है। गौरतलब है कि लोकसेवा आयोग द्वारा निकाली जाने वाली विज्ञप्तियों में आरक्षित अभ्यर्थियों के लिए हमेशा कुछ पदों का आरक्षण रहता है। जबकि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अलग पद होते हैं। लेकिन इस बार जो भर्तियां निकाली गई हैं, उनमें आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया हैं।