सीधी। अतिथि शिक्षकों का आज चौथे दिन भी शाला बहिष्कार जारी रहा। जिससे स्कूलों कि शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। आन्दोलन कारी अतिथि शिक्षक अब आर पार के मूड मे लग रहे है। अतिथि शिक्षकों को संकुल प्राचार्यो द्वारा लगातार स्कूलों से निकालने की धमकी जा रही है लेकिन अतिथि शिक्षक अब पीछे हटने को तैयार नही है। जिलाध्यक्ष रविकांत गुप्ता ने सरकार द्वारा 25% आरक्षण गजट मे जारी होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब जब अतिथि शिक्षक सरकार से अपने भविष्य की सुरक्षा अपने हक की आवाज एकजुटता के साथ उठाते हैं सरकार उन्हें मुद्दे से भटकाने के लिये एक लॉलीपॉप देती है। जिससे अतिथिशिक्षक बिखर जाय एकजुट होकर न लड़ सके। पिछले कई सालों से कभी वेतन बृद्धि कभी बोनस अंक तो कभी तो अब 25%आरक्षण का लॉलीपॉप दिया है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह बोनस अंको का आदेश पारित हुआ था लेकिन उनका कोई पता नही इसी तरह ये 25% भी हमारे शांत होते ही पता नही चलेगा। अभी दीपक जोशी जी ने कहा था 25%के साथ बोनस अंक भी दिये जायँगे लेकिन गज़ट मे बोनस के बारे मे कही भी जिक्र नही किया गया है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि संविदा भर्ती तो असंभव ही है क्योंकि शिक्षा विभाग में संविलियन होने से भर्ती नियम भी बदलेगे और तब तक मे चुनाव आ जायेंगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार अतिथि शिक्षकों को सिर्फ मुद्दे से भटकाने के लिये यह पुनः सरकार के द्वारा क्षणिक लालच दिया गया और हमारे तैयारी में ब्यस्त होते ही आंदोलन शांत होते ही चुनाव में जुट जायगी सरकार उसे भर्ती से चिंता होती तो 7 साल से भर्ती क्यो टाल रही होती। सरकार का फोकस सरकारी स्कूल बंद करवाकर निजीकरण पर है जिससे लाखो पद समाप्त हो चुके हैं। जब पद ही नही बचेंगे तो संविदा भर्ती क्यो होगी।
प्रशिक्षित बेरोजगारों को खुश करने के लिये गज़ट हुआ
यह सरकार की राजनैतिक चाल है क्योंकि 2011 से हजारों लाखों बेरोजगारों ने बीएड/डीएड कर के रखा यदि सरकार भर्ती नहीं निकालती तो वो वर्ग नाराज हो जायेगा जो अतिथि शिक्षक नहीं है परंतु बीएड/डीएड में सरकार का खजाना भर चुका है। हमारे आंदोलन को देखकर सरकार ने भर्ती तो निकाल दी ताकि हम इस पर स्टे ले सके और सरकार उस वर्ग को संतुष्ट यह कहकर कर सके कि हम तो भर्ती करना चाहते है मगर न्यायालय की रोक है। अतः अब समय एकजुटता का है सभी ब्लाक के अतिथि शिक्षक एकजुट होकर मध्यप्रदेश की सरकार को एहसास करा देंगे कि गंदी राजनीति से हम परे हो चुके हैं ,अब शोषण नही सहन किया जायेगा।