
पुलिस ने दृष्टिहीनों को 2 बार डंडा दिखाया
नीलम पार्क में 47 दिन तक धरने पर डटे रहे दृष्टिहीनों को हटाने के मामले में प्रशासन और पुलिस ने कोई कसर बाकी नहीं रखी। दृष्टिहीन बेरोजगार संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदेश भर के नेत्रहीन रोजगार, शिक्षा, हॉस्टल समेत 23 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर डटे थे। पुलिस ने इन्हें सोमवार को खदेड़ दिया था। सुरेश यादव, हिदायत अंसारी, मनीष सिकरवार, गणेश, ज्ञानी समेत नौ लोगों को जेल भेज दिया गया था। इससे पहले एक बार और उन्हे लाठी के जोर पर खदेड़ दिया गया था लेकिन वो वापस धरने पर आ डटे। प्रशासन ने एक चाल चली और खबर फैलाई कि दृष्टिहीनों ने पुलिस पर हाथ उठाया परंतु चाल कामयाब नहीं हुई, सबको पता था कि दृष्टिहीन शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। वो भूख हड़ताल पर भी थे। सचमुच जान देने को उतावले हो गए थे। सरकार के पसीने छूट गए थे।
कांग्रेस ने दिया बैकअप
कांग्रेस ने दृष्टिहीनों को बैकअप दिया। इस मुद्दे को ना केवल उठाया बल्कि प्रदर्शन भी किया। दृष्टिहीनों के साथ प्रशासन के व्यवहार से गुस्साए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भोपाल समेत प्रदेश भर में प्रदर्शन किया। पार्षद मोनू सक्सेना एवं गुड्डू चौहान के नेतृत्व में सीएम हाउस घेरने निकले कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रंगमहल चौराहे पर ही रोक लिया। पुतला हाथ में लेकर प्रदर्शनकारियों ने मार्च किया। इस दौरान पुलिस से झड़प व झूमा-झटकी हुई। रोटरी क्लब के सामने प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए। युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुणाल चौधरी के नेतृत्व में प्रदेश भर में पुतले जलाए गए।