
दरअसल याचिकाकर्ता की बांह पर टैटू था। जिसकी वजह से उसे नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में रुख साफ किया। न्यायमूर्ति आर एम बोर्डे और राजेश केतकर की बेंच ने कहा कि चूंकि अभ्यर्थी पात्रता के अन्य सभी मानदंड पूरा करता है इसलिए उसे नौकरी दी जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को अपने नियमों में बदलाव करना चाहिए।
बता दें कि भारतीय सेना की तीनों विंग थलसेना, वायुसेना एवं जलसेना में टैटू प्रतिबंधित हैं। इनके कारण अभ्यर्थियों को सभी मानदंड पूरे करने के बावजूद अयोग्य करार दे दिया जाता है। सीआईएसएफ ने भी भारतीय सेना के नियमों को शामिल किया था। भारत की राज्य सरकारों की पुलिस में इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है।