
संदीप कड़वे ने अपने ताजा बयान में कहा है कि वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव और मध्यप्रदेश वेंचर फाइनेंस लिमिटेड के अध्यक्ष एपी श्रीवास्तव और अन्य आईएएस अफसर मुझे लगातार अपमानित कर रहे थे। उनके रवैये से मैं काफी दुखी हूं इसलिए मैने बोर्ड के एमडी तथा सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि श्रीवास्तव उन्हें पर्याप्त सहयोग भी नहीं कर रहे थे और एक-दो बार नहीं कई बार अपमानित कर चुके है।
उन्होंने कहा कि पूना और दुबई में अपना कारोबार छोड़कर मैं मध्यप्रदेश में पूरे कमिटमेंट के साथ काम करने यहां आया था। सितंबर में भोपाल में कंपनी शुरू हुई। मैंने कंपनी की समस्याओं को दूर करने के हर बार बोर्ड के अध्यक्ष एपी श्रीवास्तव को जानकारियां दी। मौखिक और लिखित पत्राचार भी हुए लेकिन उनका सहयोग नहीं मिला। पिछले एक साल से कंपनी को खड़ा करने का प्रयास कर रहे थे लेकिन कम्युनिकेशन के अभाव और बार-बार अपमानित किए जाने से बेहद दुखी है। हर काम के एप्रूवल के लिए बोर्ड, वित्त विभाग और विभागों के चक्कर लगाने पड़ते है। बोर्ड के अध्यक्ष न तो समय देते है न ही क्वालिटी कम्युनिकेशन रखते है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल के पास भी एक बार मैं समस्याएं बता चुका हूं।
स्वागत अधिकारी बनाकर रख दिया था
श्रीवास्तव मुझे लोगों को रिसीव करने भेजते थे, यह मेरा काम नहीं है। जब फंड ही नहीं तो बैठकर क्या करेंगे, मैं मुफ्त में पगार लेने वाले अफसरों में शामिल नहीं हूं। कड़वे का कहना है कि भोपाल में तीन फरवरी को बोर्ड की बैठक है। उसमें वे आ रहे है। वे वहां भी अपनी बात रखेंगे और मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों से भी इस मामले में बात करेंगे।
कौन हैं डॉ. संदीप कड़वे
डॉ. संदीप कड़वे को फाइनेंस, बैंकिंग, निवेश और वित्त से जुड़े देश के तमाम संस्थानों में काम करने का 26 साल का अनुभव है। उन्होंने कैपिटल मार्केट, प्राइवेट इक्विटी, मर्चेंट बैंकिंग, मार्केट रिसर्च, आईटी सर्विसेस जैसे क्षेत्र में काम करने का अनुभव है। कड़वे ने फाइनेंस और मार्केटिंग से एमबीए और इकॉनामिक्स में पीएचडी की है। डॉ. कड़वे मैकेनिकल इंजीनियर हैं। उन्हें सरकार इतनी विशेषज्ञताओं के कारण ही कंपनी का एमडी और सीईओ बनाकर लाई थी।