
मामले के अनुसार फरियादी गोरीशंकर ने अपनी ढाई बीघा जमीन पांच साल पहले जशबंत लोधी निबासी बडैरा सोपान को बेची थी लेकिन खसरा-खतोनी में भूल से पूरी दस बीघा जमीन जशबंत के नाम चढ गई। इसका पता गौरीशंकर को बाद में चला। जिसे सुधार हेतू तहसीलदार के यहां फरियादी गोरीशंकर ने आवेदन दिया। जिसे सुधार हेतू तहसीलदार रीडर वर्ग 3 महेश भास्कर ने तीन हजार की मांग की लेकिन लेन देन दो हजार रुपये में तय हुआ। फरियादी ने पुख्ता सबूतों के साथ लोकायुक्त ग्वालियर को अवगत करा दिया।
लोकायुक्त ने इस मामले को ट्रेप करते हुए सोमवार को कैमिकल लगे रुपये लेते हुए तहसील कार्यालय में आरोपी को पकड़ लिया। मौके पर ही आरोपी के हाथ धुलवाए गए जो लाल हो गए। इसके बाद लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उस पर कार्यवाही की।
एक और शिकायत सामने आई
कार्यवाही के दौरान आरोपी से संबंधित एक अन्य व्यक्ति ने भी आरोप लगाते हुए सनसनी फैला दी। बेरछ निवासी भगवान सिंह यादव ने लोकायुक्त को लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए बतलाया कि उसके पुत्र का एक डम्पर चलता है। महेश भास्कर ने 24 दिसंबर, 17 को उक्त डम्पर के चालक से अपने पद का रुतबा दिखाते हुए रुपयों की मांग की और न देने पर न केवल उससे मारपीट की बल्कि उसके पास रखे 25 हजार रुपये छुड़ा लिए।
सोमवार को हुई इस कार्यवाही में लोकायुक्त ग्वालियर टीम में निरीक्षक पीके चतुर्वेदी, उपनिरीक्षक सुरेश कुमार, प्रधान आरक्षक धनन्जय पांडेय,कांस्टेबल हेमंत शर्मा, अमर सिंह, मुहम्मद आसिफ, बलबीर सिंह शामिल थे।