अब महिला संविदा कर्मचारियों ने किया मुंडन का ऐलान | MP EMPLOYEE NEWS

भोपाल। महिला अध्यापकों के मुुंडन के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों की शिक्षा विभाग में संविलियन की 20 साल पुरानी मांग मान ली। इससे उत्साहित महिला संविदा कर्मचारियों ने भी मुंडन का ऐलान कर दिया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनके नियमितीकरण का फैसला नहीं होता तो वो भी मुंडन कराएंगी। बता दें कि मप्र में संविदा कर्मचारियों की संख्या भी ढाई लाख है। अध्यापकों की तरह संविदा कर्मचारी भी वोटबैंक हैं और वो भी अध्यापकों की तरह ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 

मंगलवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की एक दिन की हड़ताल में उन्होंने यह बात कही। नियमितीकरण व स्वास्थ्य विभाग से निकाले गए पुराने कर्मचारियों को फिर से सेवा में लेने की मांग करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी एक दिन की हड़ताल पर थे। इस दौरान 12 फरवरी से बेमियादी हड़ताल का निर्णय लिया गया है।

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ सिंह व राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह कौरव ने बताया कि ज्यादातर संविदा कर्मचारी मंगलवार को एक दिन की हड़ताल पर थे। आयुष मेडिकल एसोसिएशन, आयुष कर्मचारी संघ ने भी आंदोलन का समर्थन किया था।

इन कामों पर पड़ा असर
टीकाकरण, दवा वितरण, पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों का फालोअप, सिक न्यूबार्न केयर यूनिट में नवजातों का इलाज, पैथोलाजिक जांचें, हितग्राहियों को भुगतान, जननी सुरक्षा योजना व जननी शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का काम, हितग्राहियों को भुगतान, संक्रामक बीमारियों समेत अन्य डाटा एंट्री, टीबी के मरीजों को दवा वितरण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ग्रामीण व स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण।

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