
रजनीकांत पर बीजेपी के ऐसे दावे की वजह क्या है?
तमिलिसै सौदरराजन ने ट्वीट में रजनीकांत और बीजेपी के मकसद को एक बताया। उन्होंने कहा, "2019 के लोकसभा चुनाव में रजनीकांत बीजेपी को सपोर्ट करेंगे। बीजेपी और रजनीकांत का साथ एक नैचुरल अलायंस होगा। रजनीकांत करप्शन का विरोध करने के लिए पॉलिटिक्स में आ रहे हैं। यही मकसद नरेंद्र मोदी और बीजेपी का है।"
रजनीकांत का 2019 के चुनावों पर क्या स्टैंड है?
पॉलिटिकल पार्टी बनाने के एलान के वक्त ही रजनीकांत से साफ कर दिया था कि 2019 के चुनाव में वे किसका साथ देंगे। इस बात का फैसला भी वे उसी वक्त करेंगे।
बीजेपी के इस दावे में कितना दम है?
दरअसल, 2014 के इलेक्शन के वक्त ही ये कहा जा रहा था रजनीकांत बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। 2014 के बाद मोदी और रजनीकांत की मुलाकातों से भी इन कयासों को और बल मिला। एक सीनियर पट्टालि मक्कल काची (PMK) लीडर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "रजनीकांत पहले चुनाव में 10% वोट शायद हासिल कर लें, लेकिन वे ज्यादा वक्त तक नहीं चल पाएंगे। BJP को समर्थन करने का उनका स्टैंड पहले ही सवालों के घेरे में है। विदुथलाई चिरुथाईगल काची (VCK) के जनरल सेक्रेटरी डी रविकुमार ने कहा, "रजनीकांत को बीजेपी ने असाइनमेंट दिया है लेकिन वे राज्य की दूसरी पार्टियों के लिए कोई खतरा नहीं हैं, जैसे कि एमजी रामचंद्रन थे।
रजनीकांत का साथ क्यों चाहती है BJP?
2014 के आम चुनाव के बाद से ही बीजेपी तमिलनाडु में एक्टिव है। जयललिता की डेथ के बाद भी यहां की राजनीति में मची उथल-पुथल को थामने में बीजेपी का बड़ा रोल रहा है। खेमों में बंटी एआईएडीएमके में सुलह करवाने में वेंकैया नायडू ने अहम रोल निभाया था। दरअसल, बीजेपी उस वक्त इलेक्शन नहीं चाहती थी, क्योंकि इससे डीएमके की सत्ता में आने की संभावनाएं बढ़ जातीं। AIADMK और DMK के अलावा तमिलनाडु में रजनीकांत के रूप में तीसरा विकल्प खड़ा हो रहा है तो बीजेपी की कोशिश उसमें अहम रोल निभाने की रहेगी।
रजनीकांत के लिए किस तरह की संभावनाएं?
पिछले 30 साल से तमिलनाडु की राजनीति करुणानिधि और जयललिता के इर्द-गिर्द घूमती रही है। करुणानिधि एक्टिव हैं, लेकिन अब उम्र 93 साल हो गई है। जयललिता की 5 दिसंबर 2016 को मृत्यु हो चुकी है। AIADMK के ई पलानीसामी मौजूदा सीएम हैं, लेकिन जनता में स्वीकार्यता नहीं के बराबर है। DMK के लीडर करुणानिधि के बेटे स्टालिन हैं, लेकिन लोगों में उनकी लोकप्रियता करुणानिधि जैसी नहीं है। दोनों ही अहम पार्टियों में करुणानिधि और जयललिता के कद का लीडर नहीं है। इस पॉलिटिकल वैक्यूम का फायदा रजनीकांत जैसे सुपरस्टार उठा सकते हैं। तमिलनाडु में पहले भी एक्टर्स को लोगों ने लीडर के तौर पर स्वीकार किया और सत्ता भी सौंपी।
क्या हैं राज्य के चुनावी समीकरण?
तमिलनाडु की राजनीति DMK और AIADMK में बंटी हुई है। चुनावी नतीजों का ट्रेंड देखें तो यहां एक बार DMK तो दूसरी बार AIADMK जीतती रही है। ये ट्रेंड 2016 में बदला है। AIADMK ने 136 सीटें जीतकर दूसरी बार सरकार बनाई। कांग्रेस DMK की पार्टनर है तो बीजेपी AIADMK की।