तहसीलदार के घूसखोर कर्मचारी को 4 साल की जेल | MP NEWS

भोपाल। राजधानी की एक अदालत में 5 हजार की रिश्वत मांगने वाले तहसीलदार कार्यालय में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नागेंद्र गुप्ता को 4 साल की जेल और 4 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शनिवार को विशेष न्यायाधीश काशीनाथ सिंह ने यह फैसला सुनाया। बता दें कि कई सरकारी दफ्तरों में क्लर्क रिश्वत वसूली का काम करते हैं। रिश्वत का बंटवारा पूरे आॅफिस के बीच होता है परंतु लोकायुक्त कार्रवाइ का शिकार क्लर्क ही होता है। 

अभियोजन अनुसार 6 सितंबर 2014 को लोकायुक्त पुलिस में एक लिखित शिकायत पेश कर फरियादी ने बताया था कि किस्त जमा न करने पर उसकी गाड़ी उठा ली गई थी। गाड़ी छोड़ने के बदले 5 हजार की रिश्वत मांगी जा रही थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। 

जांच के बाद आरोपी के खिलाफ विशेष न्यायाधीश की अदालत में चालान पेश किया था। विशेष न्यायाधीश ने गवाहों के बयान और मौजूद दस्तावेजों के आधार पर आरोपी को रिश्वत लेने के मामले में दोषी मानते हुए 4 साल की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई।
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