
नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा कस्टम मिलिंग के माध्यम से खरीदे गये अमानक स्तर का चावल और मध्यप्रदेश वेयर हाउस लॉजिस्टिक कारपोरेशन द्वारा रखरखाव में बरती गई लापरवाही के चलते सरकार को करोडों रूपये की क्षति पहुचाई गई है। इसके आकलन के लिये भोपाल स्तर से एक जांच दल आया था और जांच में अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया था जिसमें वेयर हाउस कारपोरेश कटंगी के तत्कालीन शाखा प्रबंधक संजय डोगरे, ओपी कुशवाहा, पी के गजभिये, डी के जैन, बारेलाल मनोहर वैध, योगराज मेश्राम को दोषी पाया था इनके विरूद्ध कार्यवाही करने के लिये प्रबंध संचालक वेयर हाउस भोपाल को जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया था लेकिन दोषियों के विरूद्ध आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।
इस संबंध में जांच अधिकारी एवं एडीएम शिवगोंविद मरकाम ने अवगत कराया की इस मामले की जांच कर शासन को जांच प्रतिवेदन प्रेषित कर दिया गया है जांच में कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही पाई गई थी इस मामले में अब तक कोई कार्यवाही क्यों नही हुई इस संबंध में वरिष्ट अधिकारी से ही जानकारी मिल सकती है। इस तरह खरीदी में और रखरखाव में बिते 4 साल और जांच में बिते 2 साल के बाद दोषियो पर कार्यवाही के लिये और कितने साल प्रतिक्षा करनी पडेगी। यह यक्ष प्रश्न शासन की कार्यप्रणाली को रेखाखित करता है।