
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि गुजराती साप्ताहिक पत्रिका 'चित्रलेखा' के कवर पेज पर वह फोटो छपा था जिसमें इंदिरा गांधी मुंह पर रूमाल रखकर दौरा कर रहीं थीं। मोदी ने दावा किया था कि उसी समय आरएसएस के स्वयं सेवक लोगों की सेवा कर रहे थे। शाम होते होते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह झूठ पकड़ा गया। दरअसल, उन्होंने बड़ी ही चतुराई के साथ आधा सच बताया और उसके साथ आधा झूठ जोड़ दिया था।
मोदी के भाषण के बाद बीबीसी गुजराती के पत्रकार चिंतन रावल को 'चित्रलेखा' के संपादक भरत घेलाणी की ओर से पत्रिका के उस अंक में टाइटल पेज पर छपी तस्वीर मिली। इस तस्वीर में साफ दिख रहा है कि उस वक्त सिर्फ इंदिरा गांधी ने ही नहीं, जनसंघ और आरएसएस के स्वयंसेवकों ने भी मुंह पर रुमाल बांधे थे।
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इस फ़ोटोग्राफ़ के बारे में लिखी गई लाइनों के बारे में कहा था, "एक फोटो पर लिखा था मानवता की महक और दूसरी तरफ लिखा था राजकीय गंदगी" जबकि इन तस्वीरों के नीचे 'चित्रलेखा' के फ़्रंट पेज पर लिखा है "बदबूदार पशुता महकती मानवता"