नेताओं का नाम लिखते ही रद्दी हो जाएंगे 500-2000 के नोट

नई दिल्ली। भारतीय मुद्रा परिवार में 500 और 2000 के नोटों को विशेष दर्जा प्राप्त है। नोटबंदी के बाद जारी हुए इन नोटों के बारे में कुछ नियमों का भी खुलासा हो रहा है। बताया गया है कि यदि 500 और 2000 के नोटों पर किसी नेता का नाम, या राजनैतिक दल का नाम व चिन्ह या राजनैतिक स्लोगन या बयान ऐसा कुछ भी लिखा दिखाई दिया तो वह नोट अमान्य हो जाएगा। उसकी कीमत 00 पैसे हो जाएगी। वो पूरी तरह से रद्दी हो जाएगा। जबकि 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिखे नोट बैंक वापस ले लेगा। 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक आरटीआई के जवाब में यह साफ किया है। साथ ही, आरबीआई ने कहा कि केवल वही नोट अवैध करार दिए जा सकते हैं, जिन पर कोई धार्मिक चिह्न या राजनीतिक स्लोगन लिखे हों। बता दें कि नोटबंदी के दौरान पहले 10 और बाद में नए नोटों पर 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिखने का ट्रेंड सामने आया था।

किसने लगाई थी आरटीआई?
आरटीआई राजस्थान हाईकोर्ट के वकील रजाक के. हैदर ने लगाई थी। उन्होंने आरबीआई से पूछा- ''500 और 2000 के नोटों पर पेन मार्कर से कुछ लिखने या स्टेपल किए जाने के बाद यह बैंक में जमा किए जाएंगे या नहीं?
दूसरा सवाल था, जिन नोटों पर धार्मिक चिह्न और राजनीतिक मैसेज लिखा होगा, बैंक उन्हें लेगा या नहीं?

आरबीआई ने क्या जवाब दिया?
बैंक के मुख्य सूचना अधिकारी पी. विजय कुमार की ओर से आरटीआई दाखिल करने वाले को जवाब भेजा गया। 
आरबीआई ने कहा, ''नए नोटों (500 और 2000) समेत भारतीय मुद्रा के सभी बैंक नोटों पर कुछ लिखने से ये अवैध नहीं होंगे। कस्टमर इन्हें बैंक में जमा करा सकते हैं।
दूसरे सवाल पर साफ किया, ''नोट रिफंड रूल के हिसाब से कोई धार्मिक स्लोगन या चित्र बने नोट और राजनीतिक चिह्न या स्लोगन लिखे नोट शून्य (रद्द) माने जाएंगे।

क्या है मामला?
वकील हैदर के मुताबिक, कुछ दिनों पहले राजस्थान के ज्यादातर बैंकों में नोटिस लगाए गए थे। इनमें कहा गया कि 500 और 2000 के नोट पर पेन से कुछ भी लिखा है तो इन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा। अब आरटीआई से नोटों से जुड़ी बातें साफ हो गई हैं। जो बैंक नोट नहीं लेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इससे बैंकों में कस्टमर्स को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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