भोपाल। भोपाल गैंगरेप मामले में नया खुलासा हुआ है। बुधवार को रेल आईजी डीपी गुप्ता और एसपी रेल रुचिवर्धन ने भी आरोपियों से पूछताछ की। इसके बाद जीआरपी ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी कर रही विदिशा की छात्रा जब कोचिंग से लौट रही थी तब 2 बदमाशों ने उसका किडनैप किया और कपड़े फाड़ दिए। फिर बंधक बनाकर गैंगरेप किया। छात्रा के गिड़गिड़ाने पर उसके लिए एक शर्ट का इंतजाम किया गया परंतु इस शर्ट के बदले 2 अन्य बदमाशों ने उसके साथ गैंगरेप किया। 3 घंटे में छात्रा कुल 6 बार रेप का शिकार हुई। सबूत इकट्ठा करने के लिए जीआरपी टीम बुधवार को फिर घटनास्थल पर गई थी। जांच के दौरान टीम ने यहां से मिट्टी, नाले के पानी और झाड़ियों का सैंपल भी लिया है। इसके साथ ही जीआरपी ने चारों आरोपियों के घर से घटना के वक्त पहने गए कपड़े भी जब्त कर लिए हैं।
गैंगरेप के बाद छात्रा को आरोपी ने कपड़ों का इंतजाम किया
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, छात्रा के साथ पहले अमर और गोलू ने ज्यादती की थी। इस दौरान उन्होंने छात्रा के कपड़े फाड़कर रेलवे ट्रैक के पास ही फेंक दिए थे। ज्यादती के बाद भी दोनों ने छात्रा को बंधक बनाकर रखा था। छात्रा के रोने और मिन्नतों के बाद अमर उसके साथ घटनास्थल पर ही बैठा रहा, जबकि गोलू बिहारी उसके कपड़े ढूंढने गया था। गोलू को जब छात्रा के कपड़े नहीं मिले, तो वह राजेश की झुग्गी पर गया था। उस वक्त राजेश के साथ रमेश मेहरा भी मौजूद था। गोलू ने दोनों के साथ चाय और सिगरेट पी, इस दौरान उसने दोनों को पूरा घटनाक्रम बताया।
दुष्कर्म करने की शर्त पर दी एक शर्ट
गोलू बिहारी ने रमेश से छात्रा के लिए उसकी एक शर्ट मांगी थी। वहीं, रमेश ने दुष्कर्म करने की शर्त पर अपनी शर्ट छात्रा के लिए दी थी। गोलू के साथ ही रमेश और राजेश भी मौके पर पहुंच गए थे। यहां राजेश और रमेश ने भी बारी-बारी से छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। राजेश और रमेश के लौट जाने के बाद गोलू और अमर ने दोबारा छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। चारों के निकल जाने के बाद छात्रा आरोपी का शर्ट पहनकर ही थाने पहुंची थी, जहां पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज करने से इंकार कर दिया था।
आरोपियों ने एक-दूसरे को पहचानने से किया इंकार
जानकारी के अनुसार जीआरपी ने गैंगरेप करने वाले चारों आरोपियों का डीएनए कराया है। वहीं, जिन दो आरोपियों के पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं मिले, उन्हें कोर्ट में सिद्ध करने के लिए एड्रेस वेरीफिकेशन कराया जाएगा। बुधवार को जीआरपी ने सभी आरोपियों का आमना-सामना कराया। इस दौरान काफी देर तक आरोपी एक-दूसरे को पहचानने से इंकार करते रहे, जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पूछताछ में वे एक-दूसरे के कहने पर पूरी घटना को अंजाम देने की बात कहते रहे।
क्या है भोपाल गैंगरेप केस ?
घटना 31 अक्टूबर शाम की है। कोचिंग सेंटर से लौट रही 19 साल की लड़की को चार बदमाशों ने स्टेशन के पास रोका। झाड़ियों में ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया। घटनास्थल से आरपीएफ चौकी (रेलवे पुलिस फोर्स) सिर्फ 100 मीटर दूर है।
आरोपियों ने विक्टिम का मोबाइल फोन और कुछ जूलरी भी लूटी। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों को लगा कि लड़की की मौत हो गई है तो वो उसे छोड़कर भाग गए। होश आने पर विक्टिम आरपीएफ थाने पहुंची। वहां से उसने पिता को घटना के बारे में जानकारी दी। उसके पिता आरपीएफ में एएसआई हैं। पुलिस कार्रवाई में लापरवाही बरतने पर तीन थानों के प्रभारी, दो सब इंस्पेक्टर सस्पेंड हो चुके हैं। भोपाल के एक सीएसपी, जीआरपी एसपी और भोपाल आईजी को हटाया गया है।