
शहर के मामा बन गए थे जयकिशन
बता दें कि जयकिशन महिन्द्रा पिछले 25 वर्षो से वारासिवनी में निवास कर रहे थे। जयकिशन मूलत: उज्जैन के पोहा व्यवसायी थे। इसी सिलसिले में 25 साल पहले अपने भांजे प्रदीप सूद के साथ वारासिवनी आये थे तब से वापस नहीं गए। वो लालबर्रा रोड स्थित विधायक गली के एक किराये के कमरे में निवास कर रहे थे। लोग उन्हे मामा कहकर पुकारते थे।
पलंग के नीचे पड़ा था शव
नजदीक के एक होटल से उन्हे नियमित रूप से चाय पोहा पहुंचाया जाता था। आज सुबह जब होटल कर्मचारी पोहा और चाय लेकर उनके निवास पर पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था। आवाज देने के बाद भी जब दरवाजा नही खुला तब उसने पडोसियों को सूचना दी। पडोसियों ने आवाज लगाने के बाद अंदर से कोई आवाज नही आयी तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दरवाजे का ताला तोडकर देखा तो पलंग के नीचे उनका शव पड़ा हुआ था।
परिजनों ने आने से इंकार किया
उनकी मौत की खबर उनके परिवारजनों को फोन से दी गई तो उन्होने का की आप अंतिम संस्कार कर दें। यह उल्लेखनीय है कि सम्पन्न परिवारजनों के रहते हुये भी वे एकाकी जीवन गुजार रहे थे। बीते वर्षो में उनके परिवारजनों ने उनकी कोई सुध नही ली एक होटल से उनके लिये खाना आता था।
नितिन को निर्दोष बताते थे
व्यापमं घोटाले में उनके बेटे नितिन महिन्द्रा का नाम आने के बाद जब भोपाल समाचार ने एक वर्ष पूर्व उनसे नितिन महिन्द्रा के संबंध में चर्चा की तब उन्होने कहा था की उनके बेटे को झूठा फंसाया गया है। देख लेना एक दिन वह निर्दोष साबित होगा। 85 वर्षीय जयकिशन महिन्द्रा को वारासिवनी शहर में मामा जी के नाम पर जाना जाता था।