भोपाल। मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को 50 हजार रुपए तक नगद भुगतान करने की छूट का ऐलान किया था परंतु आयकर अधिनियम के सेक्शन 40ए(3) के तहत 10 हजार रुपए से ज्यादा के नकद भुगतान पर रोक है। अत: व्यापारी भुगतान नहीं कर रहे थे परंतु अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नियमों को लेकर स्पष्टीकरण आदेश जारी करते हुए आयकर विभाग को निर्देश दे दिए हैं। किसानों को 2 लाख रुपए तक नगद भुगतान किया जा सकता है।
आयकर अधिनियम के सेक्शन 40ए(3) के तहत 10 हजार रुपए से ज्यादा के नकद भुगतान पर रोक है। सीबीडीटी ने स्पष्टीकरण सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि किसानों से उपज खरीदने पर इस सीमा से ज्यादा किया गया भुगतान अपवाद माना जाएगा। ऐसे मामले में आयकर अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज नहीं होगा। हालांकि बोर्ड ने आयकर की धारा 269एसटी का हवाला देते हुए साफ किया है कि किसानों को भी किए जाने वाले नकद भुगतान की सीमा 2 लाख तक हो सकती है।
इस सीमा में भुगतान के बदले किसानों से कारोबारियों को पेन कार्ड की प्रति लेने या फॉर्म-60 भरवाने की जरूरत नहीं होगी। स्पष्टीकरण आदेश की प्रति सभी प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर समेत आयकर विभाग के सभी दफ्तरों में भी भेजी गई है।
रसीद ही काफी
सीए भरत नीमा के मुताबिक फसल खरीदी के दौरान मंडी से किसान-कारोबारियों को धारा 22(2) में रसीद दी जाती है। साथ ही उनके बीच अनुबंध पत्र भी लिखा जाता है। रसीद और अनुबंध पत्र जैसे दस्तावेजों में किसान का नाम-पता जैसी तमाम जानकारी होती है। अनुबंध और रसीद की प्रति किसान और कारोबारी दोनों के पास होती है। लिहाजा अब दोनों पक्षों को आयकर की नजर में लेनदेन सही साबित करने के लिए अलग से दस्तावेज जुटाने की जरूरत नहीं होगी।