
महाकाल की पूजा के लिए सुबह पंचामृत से अभिषेक होता है। फिर जलाभिषेक और भस्म आरती होती है। रात तक चार बार अभिषेक होता है। श्रद्धालु दिनभर में कई बार पंचामृत चढ़ाते हैं। महाकाल का भांग से श्रृंगार होता है। कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक पुजारियों के अलावा बाकी लोगों को गर्भ गृह में न जाने दिया जाए और ऐसा न कर पाने की स्थिति में लोगों की संख्या सीमित कर देना है।
कमेटी ने पूरा दिन ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाने से नुकसान की बात की है। कमेटी ने जल चढ़ाने को सीमित करने की अनुशंसा की है। आरओ के पानी से जलाभिषेक करने के निर्देश दिये हैं। शिवलिंग पर गुड़, शक्कर जैसी चीजों का लेप न लगाने की अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट से की है।