अब तक नहीं हुई AEO की भर्ती, 50 हजार शिक्षकों से ठगी

इंदौर। चार साल पहले सरकार के आश्वासन पर भरोसा करके प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा सरकारी शिक्षक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। राज्य शिक्षा सेवा के नाम पर 2013 में सरकारी शिक्षकों के लिए क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी (एईओ) सहित अन्य पदों के लिए परीक्षा आयोजित हुई थी। शिक्षकों से कहा गया था कि चयन परीक्षा में पास होने वालों की नियुक्ति एईओ के रूप में होगी और उन्हें हर महीने वेतन में 20 हजार रुपए का फायदा मिलेगा। हजारों शिक्षक चयन परीक्षा में शामिल हुए। रिजल्ट भी आया, लेकिन पोस्टिंग अब तक नहीं हुई। हैरानी की बात यह कि वित्त विभाग परीक्षा से पहले ही कह चुका था कि आर्थिक रूप से प्रस्ताव स्वीकार योग्य नहीं है।

स्कूली शिक्षा विभाग ने 2013 में राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया था। इसके तहत लोक शिक्षण संचालनालय और राज्य शिक्षा केंद्र के कुछ पद खत्म कर एईओ का नया पद सृजित करने का प्रस्ताव कैबिनेट भेजा गया। जुलाई 2013 में इसे मंजूरी भी मिल गई। इसके बाद एईओ के 3286 नए पद पर चयन परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति होना थी। चयन परीक्षा में अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक और शिक्षक शामिल हो सकते थे। परीक्षा के लिए एमपी ऑनलाइन से फॉर्म भराए गए। 8 सितंबर 2013 को पूरे प्रदेश में आयोजित इस परीक्षा में 50 हजार से ज्यादा शिक्षक शामिल हुए। परीक्षा के लिए प्रत्येक शिक्षक से 400 रुपए फीस वसूली गई थी। फीस के अलावा एमपी ऑनलाइन जैसी दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने में करीब 700 रुपए अलग खर्च हुए। परीक्षा के बाद चयनित शिक्षकों की लिस्ट भी जारी हुई, लेकिन चार साल बाद भी एईओ पद पर नियुक्ति नहीं हुई।

50 स्कूलों पर करना थी निगरानी
2013 में वरिष्ठ शिक्षक का वेतन 23 से 25 हजार के बीच था, जबकि एईओ को 45 हजार मिलना था। कहा गया था कि एईओ को स्कूलों में पढ़ाना नहीं है, बल्कि 50 स्कूलों पर निगरानी की जिम्मेदारी निभाना होगी।

हर साल पड़ता 50 करोड़ का भार
एईओ के साथ सहायक संचालक और उपसंचालक पदों पर भी नियुक्ति होना थी। ये नियुक्तियां होती तो शासन पर हर साल करीब 50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ता। वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। बावजूद इसके शासन ने इन पदों के लिए चयन परीक्षा आयोजित कर ली।

परीक्षा का अस्तित्व ही खत्म हो गया
सामान्यतः परीक्षा का अस्तित्व 18 माह होता है। इस अवधि में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होती है तो परीक्षा स्वतः ही अस्तित्वहीन हो जाती है। इस लिहाज से चार साल पहले एईओ पद के लिए आयोजित हुई परीक्षा का अस्तित्व ही खत्म हो चुका है।

मामला कोर्ट में लंबित है
चयन प्रक्रिया को लेकर कई लोगों ने कोर्ट में केस दायर कर रखे हैं। मामला कोर्ट में लंबित होने से मैं मामले में कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं।
दीपक जोशी, स्कूली शिक्षा राज्य मंत्री
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!