कभी भी ढह सकते हैं देश के 100 बड़े पुल: T&H मिनिस्ट्री की रिपोर्ट

नई दिल्ली। नितिन गडकरी ने लोकसभा में गुरुवार को कहा कि देश के 100 पुल ढहने की कगार पर हैं और इन पर तुरंत ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री ने देश के 1.6 लाख पुलों का सेफ्टी ऑडिट पूरा कर लिया है। इनमें 100 पुल ऐसे हैं, जो कभी भी ढह सकते हैं। इस दौरान गडकरी ने महाराष्ट्र में पिछले साल हुए एक हादसे का भी जिक्र किया, जिसमें कोंकण इलाके में सावित्री नदी पर बना ब्रिटिशकालीन पुल ढह गया था। इसमें कुछ सरकारी बसें और प्राइवेट वाहन भी बह गई थीं। 

गडकरी ने सदन में बताया कि मिनिस्ट्री ने पिछले साल एक स्पेशल प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। जिसके जरिए देशभर के पुलों और पुलिया के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई। सरकार ने ये कदम हादसे रोकने के लिए उठाया। रोड प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी पर गडकरी ने कहा, "इसके पीछे वजह भूमि अधिग्रहण, अतिक्रमण और एन्वॉयरन्मेंट क्लीयरेंस हैं। 3.85 लाख करोड़ के रोड प्रोजेक्ट्स कई कारणों के चलते लेट हुए। इनमें से ज्यादातर को सुलझा लिया है और काम भी शुरू हो गया है।"

NHAI में 7.5 करोड़ रुपए की घूस देने की जांच होगी
गडकरी ने कहा, "नेशलन हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों को एक अमेरिकन फर्म की ओर से 1.18 मिलियन डॉलर यानी करीब 7.5 करोड़ रुपए की घूस दिए जाने के मामले की सरकार जांच शुरू कर रही है। मीडिया में सामने आया था कि CDM स्मिथ और CDM इंडिया में काम करने वाले लोगों और एजेंट्स ने हाईवे कंस्ट्रक्शन सुपरविजन एंड डिजाइन कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए सरकारी अफसरों को ये घूस दी थी। मीडिया की ये रिपोर्ट यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की क्रिमिनल डिवीजन की ओर से 21 जून 2017 को भेजे गए लेटर के आधार पर थी। ये लेटर डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर भी मौजूद है।

क्या कदम उठाया मिनिस्ट्री ने?
गडकरी ने कहा, "जिस फर्म का नाम लिया जा रहा है, उसे और उससे जुड़े लोगों को दिए गए कंसल्टेंसी असाइनमेंट की लिस्ट बनाई गई है। मिनिस्ट्री ने इस मामले को एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री और अमेरिका में इंडियन एम्बेसी को भी भेजा है, ताकि यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस से वो कागजात हासिल किए जा सकें, जो उन्होंने जांच के दौरान जुटाए थे। NHAI ने उस फर्म को 2015 में 3 महीने के लिए प्रोजेक्ट में बिडिंग और इंगेजमेंट के लिए रोक लगा दी थी। इस फर्म को लोन असाइनमेंट दिए जाने के मामले में NHIDCL ने फर्म पर इस साल दो साल के लिए रोक लगा दी है। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है। इसमें तीन अफसर शामिल हैं, जो जांच के बाद रिपोर्ट कमीशन को सौंपेंगे।

क्या है मामला?
यूएस डिपार्टमेंट के लेटर में कहा गया। करीब 2011 से 2015 के बीच CDM स्मिथ की डिवीजंस ने इंडिया में ऑपरेशन किए। CDM इंडिया ने अवैध तरीके से NHAI के अधिकारियों को घूस दी ताकि कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया जा सके। घूस कॉन्ट्रैक्ट प्राइज का करीब 2-4% थी और इसे फर्जी सब कॉन्ट्रैक्टर्स के जरिए दिया गया, जिन्होंने कोई भी काम नहीं किया। इस पेमेंट ने पूरी तरह अधिकारियों को फायदा पहुंचाया।

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