भोपाल। पेडन्यूज मामले में दोषी पाए गए मंत्री नरोत्तम मिश्रा अपनी कुर्सी बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं परंतु अब सफलताएं उनके हाथ नहीं लग पा रहीं हैं। चुनाव आयोग ने उन्हे अयोग्य घोषित कर दिया है। जबकि मिश्रा का दावा है कि आयोग को यह अधिकार ही नहीं है। मिश्रा ने ग्वालियर हाईकोर्ट में आयोग के आदेश पर स्टे के लिए याचिका लगाई थी, जो बाद में जबलपुर भेज दी गई। मिश्रा के खिलाफ शिकायत करने वाले राजेन्द्र भारती ने इसे मिश्रा की एक साजिश बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी अत: जबलपुर हाईकोर्ट से भी नरोत्तम मिश्रा को स्टे नहीं मिल पाया।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पेड न्यूज मामले में शिकायकर्ता राजेंद्र भारती ने नरोत्तम मिश्रा से जुड़ी दोनों याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने को लेकर एसएलपी दायर करने की जानकारी दी। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने भी कोर्ट के सामने कुछ साक्ष्य रखे। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने की वजह से हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देने से इनकार करते हुए सुनवाई आगे बढ़ा दी।
निर्वाचन आयोग ने 23 जून को एक आदेश जारी कर जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा को वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल के लिए अयोग्य ठहराया था। इसी के खिलाफ मिश्रा हाईकोर्ट गए थे। अब सुप्रीम कोर्ट में पहले एसएलपी का फैसला होगा उसके बाद हाईकोर्ट सुनवाई करेगा कि मिश्रा को स्टे दिया जाना चाहिए या नहीं। सन् 2008 से यह मामला यहां से वहां झूल रहा है। पेडन्यूज के दोषी प्रमाणित होने के बाद भी मिश्रा अपनी कुर्सी पर काबिज हैं।