
प्रिया सिंह पॉल ने यहां की तीस हजारी अदालत में दायर की एक याचिका में दावा किया कि उसे गोद लेने के कागजात 'जाली' हैं और एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फिल्म में 'गलत रूप में पेश की गयी चीजों' के कारण वह 'अपनी चुप्पी तोड़ने पर' मजबूर हुई. पिछले महीने 48वां जन्मदिन मनाने वाली प्रिया ने कहा कि उसने फिल्म को मंजूरी देने के खिलाफ केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) का रूख किया है. इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी की 1980 में एक विमान हादसे में मौत हो गयी थी
प्रिया का कहना है कि ये पूरी तरह संजय गांधी का भ्रामक चित्रण है, जिनसे मैं एक बार मिली हूं और मुझे वह बेहद सज्जन लगे थे. उन्हें जानने वाले लोगों से भी मैंने ऐसा ही सुना है. पॉल ने कहा कि इसी मुद्दे पर विरोध जताते हुए उन्होंने पिछले महीने इंदु सरकार के निर्देशक मधुर भंडारकर को कानूनी नोटिस भेजा था.
पूर्व मीडियाकर्मी पॉल ने कहा कि 1968 में उन्हें शीला सिंह पॉल और बलवंत पाल ने गोद लिया था। हालांकि, संजय गांधी की पत्नी व पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और उनके बेटे भाजपा सांसद वरुण गांधी की तरफ से महिला के दावे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
उसने कहा, 'फिल्मकारों ने माना है कि फिल्म 30 प्रतिशत तथ्यों पर आधारित है और 70 प्रतिशत काल्पनिक है. लेकिन ये तथाकिथत तथ्य भी काल्पनिक हैं. ऐसा चालाकी से किया गया है ताकि किसी तर्कशील दर्शक को स्पष्ट तरीके से घटनाओं को जोड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके.' प्रिया ने कहा कि वह 'मीडिया का ध्यान खींचने के लिए' ऐसा नहीं कर रही और ऐसा करने का कारण यह है कि उनके 'पिता' के बारे में गलत धारणा बनायी जा रही है.