BJP सैनिक प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति घोषित

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत की सहमति से भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री बी.एल. धाकड़ ने प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यसमिति घोषित कर दी है। प्रकोष्ठ के सह संयोजकों में कमाण्डेंट हरवंश सिंह चम्बल, चन्द्रपाल सिंह परिहार ग्वालियर, श्री दशरथ सिंह यादव सागर, श्री नरेंद्र कुमार शर्मा होशंगाबाद, मेजर एम.आर.चौधरी भोपाल, श्री अजय जैन इंदौर, श्री कमल सोनी उज्जैन, श्री लाल सहाब पटेल जबलपुर, 

श्री शीतल सिंह भदौरिया ग्वालियर, श्री परमहंस चंदेल जबलपुर और प्रदेश कार्यालय मंत्री कर्नल बी.पी. त्रिपाठी भोपाल सदस्य कर्नल इरफान खान भोपाल, श्री चन्द्रशेखर सोहानी इंदौर, श्री रविन्द्र सिंह (काकू) शहडोल, श्रीमती पुष्पा राजावत ग्वालियर, श्रीमती नीलम परिहार ग्वालियर, श्री रामेन्द्र सिंह राजावत ग्वालियर, श्री एस.सी. ओझा ग्वालियर, श्री शशीरमन सिंह द्विवेदी रीवा, श्री विक्रम पटेल इंदौर (महू) सदस्य मनोनीत किये गये हैं।

स्वदेशी अपनाने से आर्थिक सम्पन्नता आएगी: राजो मालवीय
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता सुश्री राजो मालवीय ने प्रधामनंत्री श्री नरेंद्र मोदी की स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहन देने की अपील को सार्थक पहल बताते हुए कहा कि इससे जहाॅ उत्पादन के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिलेगा वहीं मेक-इन-इंडिया के प्रति जन जागरूकता का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि स्वेदशी भावना के विस्तार से भारत के परम्परागत शिल्प उत्पादन का अर्थशास्त्र संवरेगा। जो शिल्प मृतप्राय हो गये हैं और शिल्पकार आजीविका के लिए मोहताज हो रहे हैं उन्हें संजीवनी मिलेगी। इसके अभाव में तीज त्योहारों के अवसर पर भी हम आयातित सामग्री पर निर्भर हो जाते हैं, इससे न केवल देश की मुद्रा विदेशों को जाती है अपितु पर्यावरण प्रदूषण की आशंका भी पैदा हो जाती है।

श्री मालवीय ने कहा कि आज दुनिया के लिये भारत की पहचान सिर्फ बाजार के रूप में है, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया के माध्यम से भारत को एक विशाल मेनुफेक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने का संकल्प किया है। मध्यप्रदेश में मुख्य मंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान ने प्रदेश को मेक-इन-मध्यप्रदेश के माध्यम से वृहत उत्पादक केंद्र बनाने के लिए ताना बाना बुना है। इसका उद्देश्य स्वदेशी उत्पादन में गुणवत्ता लाकर इसे विदेशों की रूझान के अनुरूप बनाकर निर्यात बढ़ाना भी है। इससे भारत का व्यापार संतुलन बढ़ेगा और विदेशों में भारतीय उत्पादन की पहचान बनेगी।
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