सर्वेश त्यागी/ग्वालियर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सुपुत्र जयवर्धन सिंह न ग्वालियर हाईकोर्ट में पहुंच कर न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल के समक्ष अपना पक्ष रखा है। राधौगढ़ के साडा कॉलनी निवासी राधेश्याम धाकण ने धार्मिक भावनाओं को भड़का कर वोट मांगने का आरोप लगाते हुए ग्वालियर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने नोटिस जारी कर विधायक जयवर्धन सिंह को न्यायालय में तलब कर साक्ष्य रखने का मौका दिया था आगमी तारीख 10 को दी गई है।
विधायक जयवर्धन सिंह ने दाखिल की गई याचिका बेबुनियाद बताया। उनका कहना है कि इस संबंध कोई भी साक्ष्य मौजूद नही है, और न ही मैने ऐसा कोई भड़काऊ भाषण दिया है। वैसे भी अभी ये मामला न्यायालय के संज्ञान में इस लिए मुझे इस बारे में कुछ नही कहना। जयवर्धन सिंह पत्रकारों के सवालों से बचते हुए निकल गए और जब वो हाई कोर्ट से निकले तो परेशानी उनके चेहरे पर साफ दिख रही थी। याचिकाकर्ता राधेश्याम धाकड़ ने कहा कि मुझे न्यायलय पर पूरा भरोसा है जो भी होगा वो सबको पता चल जाएगा ओर यह कहते हुए निकल गए।
आपको बता दें कि विधायक जयवर्धन ने 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान कलेंडर में देवी देवताओं के चित्र छपवाकर बंटवाए थे। इससे जनता के बीच धार्मिक भावनाओं को भड़काकर वोट माँगे थे। जिसके एवज़ में भाजपा प्रत्याक्षी राधेश्याम धाकड़ ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की इसके बाद ग्वालियर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई। इसी याचिका पर हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर विधायक जयवर्धन सिंह को पक्ष रखने का अवसर दिया था।