उदयपुर। आमतौर पर जहां ज्यादातर संगठन अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन उग्र रूप से कर दैनिक जनजीवन को नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं दूसरी ओर उदयपुर के जेल कर्मचारी बड़े ही शांतिप्रिय ढंग से अपनी मांगों को सरकार के सामने रख रहे हैं। सेंट्रल जेल उदयपुर के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। अपनी भूख हड़ताल के तहत इन्होंने न ही कोई रास्ता या ट्रैफिक जाम किया है, न ही कोई नारेबाजी या उग्र प्रदर्शन और ना ही कोई रैली निकाली है। ये कर्मचारी जेल के बाहर बैठकर अपना धरना दे रहे हैं।
सबसे खास बात यह है कि ये कर्मचारी अपने प्रदर्शन का असर काम पर भी नहीं पड़ने दे रहे हैं। 24 घंटे में तीन की शिफ्ट में 8-8 घंटे की ड्यूटी कर ये कर्मचारी बिना अपने काम और जिम्मेदारी को प्रभावित करे धरना कर रहे हैं। अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ एकीकृत के अध्यक्ष सत्यवीर सिंह ने बताया कि धरने के दौरान जिन भी कर्मचारियों की ड्यूटी होती है वे ड्यूटी कर रहे हैं, उनके स्थान पर दूसरी शिफ्ट के कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं। सिंह ने बताया कि कर्मचारियों ने मैस का पूरी तरह बहिष्कार कर रखा है।
वेतन विसंगतियों पर ध्यान नहीं दे रही सरकार
जेल कर्मचारियों ने बताया कि जेल सुरक्षा में तैनात आरएसी बटालियन और जेल कर्मचारियों का काम एक जैसा है। मगर दोनों के न्यूनतम श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में 10 हजार का अंतर है। ऐसे में यह उनके लिए काफी नुकसानदायक है। कर्मचारियों ने बताया कि आरएसी में न्यूनतम श्रेणी को 2400 ग्रेड पे मिलता है वहीं जेल में यह 1900 ग्रेड पे है। इसके अतिरिक्त वेतन और नियुक्तियों से जुड़ी कई विसंगतियां हैं जिनकी ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।