यूपी में खुलने वाला है प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार खेल और खेल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में पहला खेल विश्वविद्यालय खोल रही है जिसमें खेल संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रम होंगे ताकि अधिक से अधिक युवा खेल के साथ-साथ रोजगार भी प्राप्त कर सकें. इस खेल विश्वविद्यालय में एमबीए की तरह खेल प्रबंधन का भी एक विशेष पाठ्यक्रम होगा. प्रदेश सरकार इसके लिये करीब सवा सौ एकड़ जमीन की तलाश कर रही है. इस विश्वविद्यालय के लिये विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है. इसके निर्माण में केंद्र सरकार की भी मदद ली जायेगी. उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री चेतन चौहान ने कहा, उत्तर प्रदेश में खेल और खेल प्रबंधन के लिये एक खेल विश्वविद्यालय बनाने पर विभाग काम कर रहा है. इसमें भारतीय खेलों को बढ़ावा देने पर जोर होगा, साथ ही खेल से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रम भी होंगे. इस विश्वविद्यालय में बीपीएड का डिग्री कोर्स भी होगा. लेकिन हम पहली बार खेल प्रबंधन पर एमबीए जैसा एक विशेष पाठ्यक्रम भी शुरू करना चाहते हैं.

चौहान ने कहा कि खेल प्रबंधन का पाठ्यक्रम इसलिये बहुत जरूरी है कि प्रत्येक खेल प्रतियोगिता आयोजित करने के लिये इवेंट मैनेजमेंट या किसी प्राइवेट कंपनी की आवश्यकता होती है लेकिन चूंकि उन्हें खेलों के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं होती इसलिये अक्सर हम जैसा आयोजन चाहते हैं वैसा आयोजन हो नहीं पाता है. जब खेल प्रबंधन पाठ्यक्रम करने के बाद कोई युवक खेल प्रबंधन का काम करेगा तो वह उस खेल के बारे में अच्छी तरह से समझेगा और बेहतर तरीके से आयोजन का काम कर सकेगा. उन्होंने कहा कि इससे खेल से जुड़े लोगों के लिये रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे साथ ही साथ खेलों का आयोजन भी बेहतर तरीके से हो सकेगा. 

खेल मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चौहान ने बताया कि इस विश्वविद्यालय में विशेष तौर पर पारंपरिक भारतीय खेलों को बढ़ावा और विशेष प्रशिक्षण दिलाया जायेगा ताकि हमारे प्रदेश के युवा खेलों में आगे बढ़े और प्रदेश का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सकें. उनसे पूछा गया कि इस विश्वविद्यालय में क्रिकेट नहीं होगा इस पर उन्होंने कहा कि क्रिकेट भी होगा लेकिन चूंकि इस खेल के लिए कई अकादमियां है इसलिये विशेष जोर भारतीय खेलों पर रहेगा. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में विभिन्न खेलों के प्रशिक्षक कोच बनाने के लिये विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी होंगे ताकि अपने खेल से संन्यास लेने के बाद खिलाड़ी कोच का कोर्स कर नयी प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने का काम कर सकें और रोजगार के अवसर पा सकें.

खेल मंत्री से पूछा गया कि इस विश्वविदयालय के लिये शिक्षक कहां से लायेंगे तो उन्होंने कहा कि विभिन्न खेलों के पुराने खिलाड़ियों को विश्वविद्यालय जोड़ा जाएगा और साथ ही अतिथि शिक्षकों के रूप में विभिन्न खेलों जुड़े विदेशी खिलाड़ियों तथा प्रशिक्षकों को भी समय समय पर बुलायेंगे. उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय संबंधित सभी कागजी कार्यवाही लगभग पूरी कर ली गयी है और सवा सौ एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है. जैसे ही जमीन उपलब्ध होगी प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य शुरू कर देगी.

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