गुरूपूर्णिमा: नीम वाले बाबा की दरगाह पर मुसलमानों किया शंखनाद, हुई महाआरती

रमज़ान खान/दमोह।‌ आज के दौर में समाज में जो घट रहा है उस से कोई भी अनजान नहीं है। जिसे देखो अपने फायदे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। और इन में सबसे आगे हैं राजनीतिज्ञ और वो लोग जो धर्म के नाम पर लोगों को भड़काते हैं लेकिन इन सभी पहलुयों को नज़र अंदाज़ करके दमोह के हटा में प्रेम मुहब्बत, भाईचारे की अलग ही मिसाल कायम की गई। अवसर था गुरु पूर्णिमा महोत्सव का दमोह जिले के हटा कस्बे के हजारी वार्ड में स्थित हजरत सैय्यद नीम वाले बाबा साहब की दरगाह पर जहां शंख की दिव्य ध्वनि के साथ आरती हुई , वहीं मुस्लिम समाज के लोग अपने धर्म के अनुरूप यहां इबादत करते नज़र आये। एक ही छत के नीचे गुरुपूर्णिमा महोत्सव पर हिंदू व मुस्लिम समाज के सैकड़ों गुरु शिष्य जुटे और अपने गुरु नीम वाले बाबा के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा प्रकट की।

बाबा के चाहने वाले भक्तों ने गुरुपूर्णिमा के अवसर पर बाबा को अपना गुरु मानकर अदब और अकीदत से दरगाह का दूध, गंगाजल, शहद, दही से शाही स्नान कराकर चंदन का लेप किया। लोहान अगरबत्ती की धूनी इत्र लगाया नई पोशाक व चादर चढ़ाकर दरगाह पर मंगल कलश से सजे बेलपत्र, बंधनवार रंगोली व दीप जलाए। वही बाबा के चाहने वाले भक्तों ने इस अवसर पर हिन्दू परंपरा अनुसार गुरू के रुप में बाबा की मंगल आरती कर। भजन कीर्तन किया। शंख व घंटा बजाकर श्रद्धा पेश की इसके बाद वही उपस्थित मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा बाबा को नातो सलाम पेश किया गया। फातिहा पढ़ी व सबके हक में अमनों अमान की दुआएं मांगी गई।हटा नगर के लोग गुरु पूर्णिमा महोत्सव को कई वर्षों से इसी अलग अंदाज में मनाते आ रहे हैं।

नगर के लोगों ने बताया की बाबा साहब की दरगाह पर इस क्षेत्र के अधिकांश लोग आस्था रखते है। और गुरुपूर्णिमा के दिन को सभी बाबा की दरगाह पर पर्व उत्सव के रूप मनाते हैं। यहां प्रतिवर्ष गुरुपूर्णिमा पर मिलाद पूजा, अर्चना, आरती, भंडारे जैसे कई आयोजन जन सहयोग से आयोजित किये जाते हैं,बालियों से मुहब्बत और अकीदत रखने बालों बताया की  यह दरगाह शरीफ हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है। यहां मुस्लिम धर्म के त्यौहारों के साथ हिंदुओं के त्यौहार जैसे दीवाली, दशहरा, रक्षाबंधन पर बाबा के भक्त बड़ी संख्या में पहुंचकर उत्सव मनाते हैं। खास कर इसमें प्रतिवर्ष गुरुपूर्णिमा के दिन आसपास के जिले व प्रदेशों से लोग यहां पहुंचकर बाबा की विधि विधान से पूजन अर्चन करते हैं।

इन भक्तों की आस्था और भाईचारे को देखकर लगा जैसे ये उन लोगों के लिए एक प्यार भरा पैग़ाम हो जो जरा-जरा सी बातों पर लोगों को जाती,धर्म,और मज़हब के नाम पर लड़ाकर देश मे अशांति फैलाने का काम करते हैं। 

हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारे पर भोपाल समाचार डॉट कॉम के लिए दमोह से रमज़ान खान की इस रिपोर्ट के साथ सभी प्रदेश वासियों को गुरु पूर्णिमा महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।

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