अवैध कॉनोलियों से भी संपत्तिकर वसूला जाएगा: महापौर

ग्वालियर। शहर की 58 प्रतिशत सम्पत्तियां ऐसी हैं जिनसे प्रॉपर्टी टैक्स के रुप में नगरनिगम को एक पैसा भी नहीं मिलता। ऐसे में गंभीर सवाल ये है कि इनमें रहने वाले तमाम लोग निगम से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं उठाते क्या? वहीं निगम के भारी-भरकम अमले को इतनी बड़ी तादात में कर नहीं देने वाली सम्पत्तियां आखिर नजर क्यों नहीं आती? हर बार की तरह एक बार फिर निगम के मुखिया महापौर विवेक शेजवलकर और प्रशासनिक प्रमुख निगमायुक्त विनोद शर्मा के सामने इसी यक्ष प्रश्न का हल ढूढने के लिए निगम मुख्यालय पर लंबा मंथन हुआ। खास बात ये है कि उनकी यह समूची कवायद उन्हीं के मातहत अमले के रहमो-करम पर टिकी है और असल मुद्दा ये है कि वह उसको कितना लाइन पर ला पाते हैं? बैठक के दौरान शहर में बड़ी तादात में आबाद अवैध कॉनोलियों से भी सम्पत्तिकर की वसूली सख्ती के साथ किए जाने के निर्देश अधिकारियों, कर्मचारियों को दिए गए हैं।

शहर विकास के साधन जुटाने हैं
निगम की आय के सबसे बड़े स्त्रोत सम्पत्तिकर वसूली की समीक्षा करते हुए महापौर ने मौजूदा स्थिति को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि नगरनिगम को शहर विकास के लिए तमाम साधन जुटाने हैं और इसके लिए पहले निगम को खुद साधन सम्पन्न बनाना होगा। आने वाले दिनों में स्मार्ट सिटी और अमृत सिटी जैसी योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए अपना अंशदान देने के लिहाज से सम्पत्तिकर की शत-प्रतिशत वसूली करना होगी। 

टैक्स देने वाले को ग्राहक की तरह सम्मान
बैठक  के दौरान महापौर श्री शेजवलकर ने वसूली अमले को नसीहत देते हुए कहा कि सम्पत्तिकर दाता हमारे लिए ग्राहक के समान है, इसलिए जो भी कर जमा करने आता है उसे ग्राहक जैसा सम्मान मिलना चाहिए। साथ ही अगर करदाता की कोई समस्या हो तो उसका त्वरित समाधान भी किया जाए। 

नोटिस- कम वसूली का करण बताओ?
सम्पत्तिकर वसूली की समीक्षा करते हुए निगमायुक्त विनोद शर्मा ने रिवकरी की सुस्त रफ्तार पर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गिरती वसूली को लेकर उन्होंने बैठक में ही 5 सहायक सम्पत्तिकर अधिकारियों और 25 कर संग्राहकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दे दिए। 

वसूली बढ़ाने करना होगी ये मशक्कत
कॉलोनी वैध हो चाहे अवैध सभी से होगी वसूली
कर वसूली नहीं होगी वैधता-अवैधता का प्रमाण 
हर महीने रजिस्टर्ड होने वाली सम्पत्तियों पर नजर
इसके लिए प्रशासनिक तालमेल बिठाने की तैयारी
हर 15 दिन में तैयार होगा रिकवरी का प्रोग्रेस कार्ड

इस हाल में विकास की बात
कुल सम्पत्तियां - 2 लाख 25 हजार
टैक्स मिलता है- केवल 95 हजार से
इनसे वसूली 0- 1 लाख 30 हजार 
इस साल टारगेट- 75 करोड़ वसूलना
अब तक वूसले हैं- 24 करोड़ रुपए
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