भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत 22 जिलों पर सूखे का संकट मंडराने लगा है। मानसून को आए वक्त गुजर गया। अब तो श्रावण मास भी शुरू हो गया परंतु बारिश का नामोनिशान तक नहीं है। आसमान में बादल घिरकर आते हैं परंतु लगान फिल्म के सीन की तरह बिना बरसे ही वापस चले जाते हैं। इसी के चलते मध्यप्रदेश के बालाघाट, डिण्डोरी, दमोह, छतरपुर, शहडोल, अनूपपुर, खरगोन, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, देवास, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, भोपाल, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, सिंगरौली और आगर-मालवा पर सूखे का संकट मंडराने लगा है।
मप शासन के मौसम विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के 4 जिले रीवा, भिण्ड, अशोकनगर और दतिया में ही सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गयी है। उप राहत आयुक्त से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से 11 जुलाई तक 25 जिलों में सामान्य, 20 में कम और 2 जिलों में अल्प वर्षा अंकित हुई है।
इसके अलावा जबलपुर, कटनी, छिन्दवाड़ा, सिवनी, मण्डला, नरसिंहपुर, सागर, पन्ना, टीकमगढ़, सीधी, सतना, उमरिया, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खण्डवा, नीमच, शाजापुर, मुरैना, ग्वालियर, सीहोर, रायसेन और विदिशा ऐसे जिले हैं जिनके कई इलाके कम बारिश से प्रभावित हैं परंतु सूखे की चपेट में नहीं आएंगे।
पिछले साल श्रावण मास की शुरूआत में कई नदियां उफान पर थीं परंतु इस बार सभी प्रमुख नदियों और जलाशयों का जल-स्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है। इसलिये अभी तक किसी भी बाँध के द्वार नहीं खोले गये हैं।