स्कूल में टीचर्स की छड़ी पर हाईकोर्ट का बैन

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों के टीचर्स अब हाथ में छड़ी लेकर कैम्पस या क्लास रूम में नजर नहीं आएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीचर्स के छड़ी लेकर चलने और इससे बच्चों की पिटाई करने पर पाबंदी लगा दी है। कोर्ट ने यह आदेश इलाहाबाद के नामी कान्वेंट स्कूल सेंट जोसफ स्कूल एन्ड कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल लेसली कुटीनो द्वारा बारहवीं क्लास के छात्र की छड़ी से पिटाई के दौरान उसकी आंख फूट जाने के मामले की सुनवाई करते हुए दिया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई के दौरान यह भी आदेश दिया है कि स्कूलों में गलती करने पर बच्चों को शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया सकेगा।

हालांकि इस मामले में अदालत ने आरोपी वाइस प्रिंसिपल को राहत देते हुए उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे में किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा है कि वाइल प्रिंसिपल लेसली कुटीनो को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित ना किया जाए और ना ही उन्हें गिरफ्तार किया जाए। वहीं अदालत ने कॉलेज प्रशासन का घायल बच्चे के इलाज का पूरा खर्च देगा। जब तक घायल छात्र ठीक नहीं हो जाता।

गौरतलब है कि यह घटना मई माह की थी। इलाहाबाद के पॉश इलाकों में से एक सिविल लाइंस के सेंट जोसफ स्कूल एन्ड कॉलेज में छात्र बैग लेकर प्रार्थना में शामिल हुआ था। इस पर वाइस प्रिंसिपल लेसली कुटीनो ने छड़ी से छात्र की जमकर पिटाई कर दी थी। पिटाई के दौरान छड़ी छात्र की दाहिनी आंख में घुस जाने से उसकी रोशनी चली गई थी। 

इस मामले में छात्र के परिवार ने आरोपी वाइस प्रिंसिपल कुटीनो के खिलाफ अंगभंग और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कराया था। वाइस प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने पहले ही रोक लगा रखी है। पिटाई में अपनी दाहिनी आंख गंवाने वाला स्टूडेंट कॉलेज की फुटबाल टीम और रेड हाउस ग्रुप का कैप्टन भी था। आंख की रोशनी जाने के बाद अब वह फुटबाल नहीं खेल सकता। कॉलेज प्रशासन द्वारा इलाज का पूरा खर्च उठाने के बाद पीड़ित परिवार अब वाइस प्रिंसिपल से समझौता करना चाह रहा है।

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