
जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मामले में चर्चा करेंगे। मंत्री के आश्वासन के बाद कर्मचारियों का आक्रोश शांत हुआ और वे वापस लौटे। मप्र संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि 31 मई को विभाग ने 30 जून से सेवा समाप्ति के आदेश थमाएं है। आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिस पर कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक रोक भी लगा दी है।
हाईकोर्ट ने पहले ही दे दिया है स्टे
प्रदेश के मलेरिया लिंक वर्कर्स को राज्य सरकार अब नहीं हटा सकेगी। विभाग द्वारा इन कर्मचारियों को 1 जुलाई से हटाने के निर्णय पर जबलपुर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है। मप्र संविदा कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के बैनर तले इन कर्मचारियों ने राजधानी में जून के पहले पखवाड़े में तीन दिन तक धरना दिया था। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर आैर जितेंद्र शर्मा ने बताया कि लिंक वर्कर्स उमेश शर्मा, सूरज प्रकाश, प्रताप सिंह, ज्ञान सिंह नरवरिया, सुनील त्रिपाठी समेत कई कर्मचारियों ने जबलपुर हाईकोर्ट में 19 जून को याचिका दायर की थी। इनके एडवोकेट नरेंद्र कुमार शर्मा ने हाईकोर्ट में दलील देते हुए कहा कि इन कर्मचारियों को मल्टीपर्पस हेल्थ वर्कर्स के तौर पर केंद्र सरकार के निर्देश पर नियुक्त किया गया था।