
खबरों के अनुसार, जब कोर्ट में उज्मा मामले पर सुनवाई हो रही थी तब भारतीय राजनयिक वहां पहुंचे। इसी दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों ने उनका फोन जब्त कर लिया। अधिकारियों की दलील है कि राजनयिक कोर्ट में जज की फोटो खींचने की कोशिश कर रहे थे। जबकि भारतीय उच्चायोग ने इसका विरोध करते हुए पाकिस्तान के दावे को खारिज किया है। उच्चायोग का कहना है कि आरोप पूरी तरह से गलत है और उसके राजनयिक को फोन लौटाया जाए।
इस मामले ने दोनों मुल्कों की सरकारों का ध्यान खींचा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश सलाहकार सरताज अजीज ने कहा है कि केस खत्म होने के बाद भारतीय महिला को जल्द से जल्द अपने मुल्क भेजा जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि उज्मा भारतीय उच्चायोग में सुरक्षिता और खुश है।
भारतीय मूल की महिला उजमा ने भारतीय उच्चायोग की शरण ले अपने पाकिस्तानी पति पर आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी डॉक्टर ताहिर अली ने बंदूक की नोक पर उससे जबरन शादी कर ली है। शादी के बाद उसे हिंसा और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। जिसके बाद उजमा ने इस्लामाबाद अदालत में याचिका दायर की। उज्मा ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान रिकॉर्ड कराया है। उजमा ने मजिस्ट्रेट से बतरसर कि वह शादी के लिए नहीं, बल्कि अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान आई थी। लेकिन यहां उसे ताहिर अली ने जबरन शादी कर बंधक बना लिया। इस मामले की सुनवाई इस्लामाबाद की अदालत में हो रही है।