
राजस्थान सरकार ने राजस्थान के शहरों और कस्बों में जमीनों के मालिकाना हक देने और अन्य नियमन सम्बन्धी कामों के लिए गुरूवार से शहरी जनकल्याण शिविर लगाना शुरू किया है। इन शिविरों में लोगों को जमीन के जो पट्टे दिए जा रहे है, उन पर एक तरफ दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष का लोगों और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का फोटो है। दीनदयाल उपाध्याय के फोटो के नीचे उस जमीन मालिक का फोटो है, जिसके नाम पट्टा जारी किया गया है। आमतौर पर पट्टे पर सिर्फ जमीन मालिका का ही फोटो होता है, क्योंकि यह एक विधिक दस्तावेज होता है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने इसे पूरी तरह गलत बताया है और इस मामले को कांग्रेस कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है। उधर भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि इस तरह से पट्टों पर मुख्यमंत्री का फोटो लगना नियम विरुद्ध और कोर्ट के नियमों के खिलाफ है। तिवाड़ी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि अगर सरकार बदलती है तो नए बनने वाले मुख्यमंत्री इन पट्टों को निरस्त कर दोबारा पट्टे जारी करने की बात कह सकते है। ऐसे में गरीब लोगों पर दोबारा पट्टे बनवाने में लगने वाला भार थोपा जा सकता है, जो अनुचित है। वहीं उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 13 मई 2015 और मार्च 2016 के आदेश का हवाला भी दिया और कहा कि पट्टे पर सिर्फ मालिक का फोटो होना चाहिए।
उधर इस मामले में जयपुर के सांसद रामचरण बोहरा का कहना है कि कुछ लोग हर बात का विरोध करते है। पट्टों पर मुख्यमंत्री का फोटो होने में कुछ भी गलत नहीं है। सरकार ने विधिक राय ले कर ही यह निर्णय किया है।