
क्या है मामला
सूत्रों के अनुसार, 8 जनवरी 2017 रविवार की देर शाम जिलाधिकारी अग्रवाल अपने दफ्तर में काम कर रहे थे, तभी उनका एक पूर्व परिचित मिलने दफ्तर पहुंचा। वह व्यक्ति होशंगाबाद का निवासी था, अग्रवाल पूर्व में होशंगाबाद में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के तौर पर पदस्थ रहे हैं। इस परिचित ने अपने एक काम की दरख्वास्त करते हुए उन्हें मिठाई का डिब्बा दिया और चला गया। जब अग्रवाल ने इस डिब्बे को खोला तो उसमें 2000 और 500 के नोटों की गड्डी देेखकर चौंक गए। इस डिब्बे में लगभग पांच लाख रुपये थे।
यह खुलासा खुद कलेक्टर अग्रवाल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान किया। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने रविवार को उनके दफ्तर में आकर मिठाई का डिब्बा दिया था, उसे खोलकर उन्होंने देखा तो उसमें रुपये रखे थे, उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति को बुलाया और फटकार लगाई और डिब्बा वापस किया। उस व्यक्ति ने लिखित माफीनामा दिया है।
रिश्वत देने की कोशिश के मामले में जब पुलिस अधीक्षक साकेत पांडे से संपर्क कर जानना चाहा कि जिलाधिकारी की ओर से पुलिस में कोई रिपोर्ट लिखाई है या नहीं तो पांडे ने मंगलवार की शाम तक किसी तरह की रिपोर्ट दर्ज न कराए जाने की बात कही। पिछले दिनों यह मामला विधानसभा में भी लगाया गया। राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने जवाब दिया कि जानकारी एकत्रित की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग के पास भी इस मामले को लेकर कोई जानकारी नहीं है।