
दरअसल, कमलनाथ किसी भी सूरत में मध्यप्रदेश छोड़ना नहीं चाहते। उनका आंकलन है कि मध्यप्रदेश में मतदाता शिवराज सिंह सरकार से काफी नाराज है और इस बार कांग्रेस की सरकार बनेगी। कांग्रेस हलकों में चर्चा है कि कमलनाथ ने धमकी दी है कि अगर उन्हें अगले वर्ष होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार प्रोजैक्ट नहीं किया गया तो वह पार्टी छोड़ देंगे।
पंजाब विधानसभा चुनाव के वक्त अमरेन्द्र सिंह के विषय में इसी तरह की खबरें आई थीं कि वह क्षेत्रीय पार्टी बनाने की संभावना तलाश रहे थे और भाजपा के साथ भी गठबंधन के लिए बातें कर रहे थे। सोनिया गांधी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बाद ही अमरेन्द्र ने कांग्रेस में ही बने रहने का फैसला लिया। सोनिया ने अमरेन्द्र को आश्वस्त करते हुए उनको ही सीएम चेहरा बनाए जाने की बात कही थी। इसका फायदा भी मिला और 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में केवल पंजाब में कांग्रेस को जीत मिली और पार्टी की इज्जत बच सकी।
कमलनाथ की सोनिया से हालिया बैठक के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। उन्हें लगता है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जीत मिल सकती है और पार्टी को उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए तथा उन्हें उसी तरह का फ्रीहैंड दिया जाना चाहिए जिस तरह का अमरेन्द्र को मिला था।