सरकारी कर्मचारियों की घूसखोरी पर शिवराज सिंह के 2 मंत्री भिड़े, भोपाल समाचार ने वायरल की थी खबर

Bhopal Samachar
भोपाल। राजस्व विभाग में चल रही खुलेआम घूसखोरी के मामले में अब शिवराज सिंह सरकार के 2 मंत्री आपस में भिड़ गए हैं। पिछले दिनों कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा था कि मप्र के सारे पटवारी, एसडीएम के रीडर और बाबू पर रिश्वतखोर हैं। इस पर पलटवार करते हुए लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह ने कहा है कि बिसेन पहले कृषि विभाग देखें। इसी मामले में मध्यप्रदेश पटवारी संघ ने भी विरोध जताते हुए मंत्री से माफी मांगने के लिए कहा है। बता दें कि मंत्री बिसेन के इस बयान को भोपाल समाचार डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। वही खबर पूरे देश में वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर बहस चल रही है और आम आदमी बिसेन के बयान से पूरी तरह सहमत नजर आ रहा है। 

सिवनी में मंत्री बिसेन द्वारा दिए गए बयान के बाद कल मंत्रालय में लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह ने कहा था कि पटवारियों से जुड़े मामले में टिप्पणी अगर राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता करते तो ठीक था। वे विभाग के मंत्री हैं। बिसेन साहब कृषि विभाग के मंत्री हैं, इसलिए पहले वे अपना विभाग देखें। 

इसी मामले में मप्र पटवारी संघ के संरक्षक कोंदर सिंह और प्रांताध्यक्ष प्रकाश माली ने शासन को दिए ज्ञापन में कहा है कि मंत्री बिसेन का यह बयान गलत है। अब अगर दो दिन पहले दिए बयान पर मंत्री बिसेन माफी नहीं मांगेंगे तो पटवारी संघ प्रदेश भर में उनके विरुद्ध आंदोलन करेगा।

CM ने भी दी नसीहत
सीएम ने किसान कल्याण मंत्री गौरीशंकर बिसेन को नसीहत दी कि वे इस तरह के बयानों से बचें जिनसे विवाद खड़ा होता है। उन्होंने अन्य मंत्रियों से भी कहा कि किसी भी मामले में वे सोच-समझकर अपनी बात मीडिया के समक्ष रखें और इस बात पर भी ध्यान दें कि बैठक में हुई बातें बाहर न जाए।

वायरल हो रही है भोपाल समाचार की खबर 
सिवनी में दिए गए इस बयान (सारे पटवारी, कलेक्टर के बाबू और रीडर रिश्वतखोर हैं: कृषिमंत्री GOURISHANKAR BISEN) को भोपाल समाचार ने 8 मई को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। भोपाल समाचार के फेसबुक पेज facebook.com/BhopalSamachar पर यह बयान तेजी से वायरल हुआ। दिनांक 10 मई 2017 शाम 5 बजे तक इस खबर को 9 लाख से ज्यादा लोगों ने पढ़ा एवं 5 हजार से ज्यादा लोगों ने सोशल मीडिया पर इस खबर के बारे में लाइक, शेयर या कमेंट किया है। यह सिलसिला लगातार जारी है। लोग मप्र में चल रही घूसखोरी का विरोध कर रहे हैं। 
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