एसपी ने परमिंदर सिंह WHATSAPP पर अश्लील वीडियो डाला

मोहाली। एसएएस नगर के एसपी सिटी परमिंदर सिंह भंडाल ने एक व्हॉट्सऐप ग्रुप में सोमवार को अश्लील वीडियो भेज दिया। मोहाली में प्रेस, पुलिस व नेताओं के नाम से बनाए गए व्हॉट्सऐप ग्रुप में यह वीडियो डाले जाने के बाद मामला गर्मा गया। वीडियो में एक टॉपलेस लड़की डांस कर रही है। मेंबर्स ने इसका विरोध किया, तो मामला गर्माता देख एसपी भंडाल ने वीडियो के लिए तत्काल माफी मांगी। उन्होंने लिखा कि मैं वॉशरूम में था, मेरे दोस्त के बच्चों ने पता नहीं कहां से यह वीडियो डाउनलोड की और ग्रुप में भेज दी। इस मामले में एसएसपी कुलदीप सिंह चाहल से बात करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है।

एसपी सिटी परमिंदर सिंह भंडाल के मोबाइल से शाम 4:45 पर यह अश्लील वीडियो ग्रुप में शेयर की गई। एक पत्रकार ने लिखा कि ग्रुप में किस प्रकार की वीडियो अपलोड की गई है। इस ग्रुप में बहुत ऑफिसर भी हैं, इसलिए ऐसी चीजें अपलोड करने से गुरेज करना चाहिए। ग्रुप एडमिन अमरजीत रतन ने लिखा कि हम सब इंसान हैं और गलती सबसे होती है। भंडाल जी सीनियर ऑफिसर हैं, इसलिए स्वाभाविक है कि यह उनका काम नहीं बल्कि किसी अन्य ने गलती से बटन दबा दिया, तो वीडियो अपलोड हुआ। उन्होंने अपनी गलती मान ली है और उसके लिए माफी भी मांगी है, इसलिए ग्रुप के सभी मेंबर्स से निवेदन है कि अब इस टोपिक पर चर्चा न करें।

वहीं, हाईकोर्ट के वकील एचसी अरोड़ा ने कहा कि इस तरह के मामलों में यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता कि दोस्त के बच्चों ने उनके फोन से वीडियो वॉट्सएप पर डाल दिया। जिसके फोन से वीडियो डला है, उसका मालिक ही इसका जिम्मेदार है। इसके लिए आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।

पुराना विवाद 
गौरतलब है कि भंडाल वही अफसर हैं, जिनके पास सनसनीखेज एकम सिंह की हत्या की जांच का मामला था। एकम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उसकी पत्नी ने उसका शव सूटकेस में बंद कर दिया था। मगर, एकम के घरवालों ने आरोप लगाया कि एसपी इस मामले में आरोपी की मदद कर रहे हैं। इसके बाद भंडाल से केस वापस ले लिया गया था।

एसआई के पद पर हुए थे भर्ती
भंडल 1990 में पंजाब पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक के रूप में भर्ती हुए थे। इससे पहले वह जालंधर ग्रामीण में पुलिस अधीक्षक थे। राष्ट्रीय स्तर में बास्केटबॉल खेल में अपने अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें रैंक मिलती गईं। वह भारतीय टीम के कप्तान थे और उन्हें 2001 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।

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